श्रीनगर, कश्मीर में एक ऑडियो स्लाइड शो वायरल हो रहा है जिसमें हिज्बुल मुजाहिद्दीन का आतंकवादी कमांडर जाकिर मूसा घाटी में इस्लामी खलीफा का साम्राज्य स्थापित करने की बात कर रहा है। पांच मिनट 40 सेकेंड के क्लिप में कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को चेतावनी दी गई है कि जम्मू-कश्मीर में खलीफा का साम्राज्य स्थापित करने की मुहिम के बीच वे नहीं आएं। इसमें कहा गया है कि आईएसआईएस द्वारा सीरिया और इराक की तर्ज पर खलीफा का साम्राज्य स्थापित किया जाएगा।
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पुलिस महानिदेशक एसपी वैद्य ने कहा कि आडियो में सुनाई दे रही आवाज जाकिर मूसा की ही है। वैद्य ने बताया कि पुलिस ने स्वर विश्लेषण किया और मूसा के पहले के वीडियो और ऑडियो से उसका मिलान किया। उन्होंने कहा, वह मूसा ही है। यह कश्मीर में उग्रवाद के खतरनाक रूप लेने का यह संकेत है। कश्मीर में अभी तक प्रदर्शन मुख्यतः स्वतंत्रता या पाकिस्तान में विलय को लेकर रहा है और इसका इस्लाम पर जोर या जिहाद से जुड़ाव पर जोर नहीं रहा है।
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कश्मीर में 1989 में उग्रवाद की शुरूआत के साथ ही हिज्बुल मुजाहिद्दीन का गठन हुआ था। समूह में लगभग स्थानीय युवक हैं और इसने हमेशा पाकिस्तान में शामिल होने का अभियान चलाया। क्लिप में वक्ता अलगाववादियों से कहता है कि या तो आतंकवादियों के साथ लड़ें या सशस्त्र संघर्ष के बारे में बयान देने से बचें।
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घाटी में आईएसआईएस के बढ़ते प्रभाव को हुर्रियत नेताओं द्वारा तवज्जो नहीं देने के बीच यह क्लिप सामने आयी है। हिज्बुल मुजाहिद्दीन के सुप्रीम कमांडर सैयद सलाउद्दीन ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर में आईएसआईएस, अल कायदा या तालिबान जैसे समूहों के लिए कोई स्थान नहीं है।
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उन्होंने कहा, यह आंदोलन पूरी तरह स्थानीय और स्वदेशी है। इसका कोई अंतरराष्ट्रीय एजेंडा नहीं है। अल कायदा, दायेश या तालिबान की कश्मीर में कोई संलिप्तता या भूमिका नहीं है। उर्दू भाषा की स्लाइड शो में इंडोनेशिया की जेल में बंद अबु बकर बशीर और यमन निवासी अनवर अल अवलाकी के उद्धरण हैं जिन्हें आईएसआईएस और अल कायदा की गतिविधियों का सरगना माना जाता है।
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