इन दिनों देश में तीन तलाक का मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ धार्मिक संगठन विरोध कर रहे हैं और कुछ पक्ष में खड़े हैं लेकिन सरकार चाहती है कि आपसी रजामंदी से ही कोई स्थायी हल निकाल लिया जाए जिससे किसी की भावनाएं आहत न हों। यह मुद्दा कहीं न कहीं हर राज्य को प्रभावित कर रहा है। सुरेश सिंह बिश्नोई ने तीन तलाक को ही अपनी फिल्म का विषय बनाकर कोई सार्थक हल निकालने की कोशिश की है, जिसके लिए सुरेश देश भर का दौरा कर चुके हैं।
फिल्म के को-राइटर व डायरेक्टर सुरेश कहते हैं कि मेरी फिल्म ‘फिर उसी मोड़ पर’ के जरिए नामचीन लेखक-निर्देशक लेख टंडन लंबे समय के बाद बतौर निर्देशक वापसी कर रहे हैं जिनके साथ मैं लंबे समय तक बतौर सहायक निर्देशक जुड़ा रहा। लेखराज टंडन को मैं अपना गुरू मानता हूं इसलिए उनका आशीर्वाद और साथ मिलना जरूरी था। सुरेश कहते हैं कि जब उन्होंने लेख जी से इस सब्जेक्ट पर चर्चा की, तो उन्होंने खुद ही इस विषय पर फिल्म डायरेक्ट करने की सहमति दे दी। शायद ही ऐसा कोई निर्देशक होगा, जो 90 की उम्र में भी जोशीले तेवर के साथ एक फिल्म बनाने की बात कह रहा हो और ऐसा उन्होंने कर दिखाया।
सुरेश सिंह कहते हैं कि यह फिल्म एक खास वर्ग नहीं, बल्कि उन सभी लोगों के लिए है, जो इस देश के नागरिक हैं। इस देश में सभी को समान अधिकार हासिल हैं। देश का संविधान सभी पर लागू पर होता है, चाहे वो किसी भी धर्म का हो, इसलिए यहां किसी खास समुदाय द्वारा अपना कानून स्थापित करने के कोई मायने नहीं हैं। फिल्म की कहानी तीन तलाक से पीड़ित एक मुस्लिम महिला की है, जो तलाक के बाद संघर्ष के दौर से गुजरती है। हालात ऐसे बनते हैं कि अपने और अपनी बहू के लिए वह भारतीय संविधान के तहत इंसाफ मांगती है। क्या उसे इंसाफ मिल पाएगा?
यह फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा, पर उल्लेखनीय बात तो ये है कि इस फिल्म को बनाने से पहले इसके कानूनी पहलुओं पर भी काफी विचार किया गया। काफी शोध किया गया, तब जाकर फिल्म बनाने का फैसला लिया गया। बता दें कि सुरेश हरियाणा के हिसार शहर से हैं। सुरेश कहते हैं कि भविष्य में मैं हरियाणा से जुड़ी ऐसी सार्थक फिल्म बनाने जा रहा हूं जिसमें हरियाणा के ही कलाकार होंगे। वह कहते हैं कि मैंने अब तक लोगों को कोई ऐसी हिट फिल्म नहीं दी है जिससे प्रदेश सरकार मेेरी आगामी फिल्म को लेकर गंभीर हो या मेरी राय पर विचार करे। जब तक मैं खुद को साबित नहीं करता, मेरी सुनी नहीं जाएगी इसलिए मुझे सबसे पहले देश को एक सफल फिल्म देनी होगी।