बेंगलुरु, भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम के फॉरवर्ड अरिजीत सिंह हुंदल का मानना है कि मलेशिया के कुआलालंपुर में शुरु होने वाले आगामी एफआईएच हॉकी पुरुष जूनियर विश्व कप 2023 की भारतीय टीम मजबूत दावेदार है।
पांच से 16 दिसंबर के बीच होने वाली प्रतियोगिता में 16 टीमें विश्व कप के लिये प्रतिस्पर्धा करेंगी। भारत को कनाडा, कोरिया और स्पेन के साथ पूल सी में रखा गया है। भारतीय टीम पांच दिसंबर को कोरिया के खिलाफ अपना अभियान शुरू करेगी। मौजूदा चैंपियन अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, चिली और मलेशिया के साथ पूल ए में हैं। मिस्र, फ्रांस, जर्मनी और दक्षिण अफ्रीका पूल बी में रखा गया है, जबकि बेल्जियम, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड और पाकिस्तान को पूल डी में एक साथ रखा गया है।
टूर्नामेंट से पहले भारतीय उपकप्तान अरजीत ने कहा, “ हमने शिविर में एक टीम के रूप में अच्छी तैयारी की है और अपने खेल के कई प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है। अब टूर्नामेंट तेजी से आगे बढ़ रहा है, और सभी खिलाड़ी और सहयोगी स्टाफ यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि हम अच्छा प्रदर्शन करें। हम महत्वपूर्ण तकनीकी क्षेत्रों पर काम कर रहे हैं जहां हम सुधार कर सकते हैं और हमारा लक्ष्य पदक के साथ समापन करना है।”
अरिजीत टूर्नामेंट के लिए 18 सदस्यीय भारतीय टीम में सात खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन्होंने उत्तम सिंह, बॉबी सिंह धामी, सुदीप चिरमाको, विष्णुकांत सिंह, सुनील जोजो और शारदा नन्द तिवारी के साथ एफआईएच ओडिशा हॉकी पुरुष जूनियर विश्व कप भुवनेश्वर 2021 में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। भारत फ्रांस से 1-3 से हारकर टूर्नामेंट में चौथे स्थान पर रहा था।
अराजीत का कहना है कि उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में बहुत कुछ सीखा है, और टीम आगामी टूर्नामेंट से पहले आत्मविश्वास महसूस कर रही है। उन्होने कहा “ पिछले जूनियर विश्व कप के बाद से, हमने सीखा है कि हमें किसी भी टीम को हल्के में नहीं लेना चाहिए और हमें सभी टीमों के खिलाफ 100 प्रतिशत देना चाहिए। हमें अंतिम सीटी बजने तक खुद को प्रेरित करते रहना होगा। हमने 3-4 प्रमुख टूर्नामेंट खेले हैं जिससे वास्तव में हमारे आत्मविश्वास को बढ़ावा मिला है। हमने यह भी देखा है कि अन्य टीमें कैसे खेलती हैं और हम अपने खेल में सुधार करने के लिए थोड़े से समायोजन और बदलाव कर सकते हैं। हमारे फिटनेस स्तर में भी सुधार हुआ है और हम एक टीम के रूप में काफी विकसित हुए हैं।”
उन्होंने कहा, “ जो युवा खिलाड़ी अपना पहला जूनियर विश्व कप खेलेंगे, वे भी लगातार हमसे सलाह ले रहे हैं। हम उनकी हर संभव मदद कर रहे हैं। हम उन्हें दबाव से निपटने के तरीके के बारे में मार्गदर्शन करने की भी कोशिश कर रहे हैं।”