नई दिल्ली, देश में सूखे की समस्या से करीब 33 करोड़ की आबादी पीड़ित है। शुक्रवार को यहां राष्ट्रीय सम्मेलन में इस समस्या के समाधान पर विचार किया जाएगा। देश के 10 राज्यों के 254 जिलों के 2,55,000 गांव गंभीर सूखे की चपेट में हैं। इसके कारण पानी, कृषि, जीवन यापन, खाद्यान्न उत्पादन और खाद्य सुरक्षा के अलावा करदाताओं पर भी गहरा असर पड़ा है। पिछले दो सालों से कम हुई बारिश ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। इस बात पर लगभग आम सहमति है कि सूखे की समस्या बारिश की कमी के कारण कम और भूजल के प्रयोग को लेकर गलत नीतियों और सिंचाई कार्यक्रमों की कमी के कारण ज्यादा हो रही है।
इस समस्या से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें प्रयास कर रही हैं, लेकिन वे नाकाफी साबित हो रहे हैं। लाखों लोग सूखे के कारण गांवों से शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित भूमिहीन किसान और छोटे किसान हैं। इन्हीं विषयों को लेकर शुक्रवार को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कई जानेमाने विशेषज्ञ और नीति निर्माता जुटेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन गैर सरकारी संस्था एक्शनएड कर रही है।