नई दिल्ली,पिछले कुछ समय से DTH सेक्टर से जुड़ी ऐसी खबरें आपको लगातार मिल रही होंगी जिनमें कहा जा रहा है कि अब डीटीएच का बिल कम हो गया है। TRAI का नया नियम लागू हो चुका है और अब चैनल के हिसाब से लोग पैसे दे रहे हैं। हालांकि एक ताजा रिपोर्ट ये है कि डीटीएच का बिल पहले से कम हो सकता है।
अगर आप भी टीवी के बिल से परेशान हैं तो अब चिंता की कोई बात नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि ट्राई एक कंसल्टेशन दस्तावोज जारी करने पर विचार कर रहा है। इससे ग्राहकों को काफी फायदा होगा क्योंकि इसके बाद टीवी का बिल काफी कम हो जाएगा। इस संदर्भ में ट्राई के एक अधिकारी ने कहा कि कंसल्टेशन पेपर के जरिए टीवी का बिल कम किया जाएगा। फिलहाल इस बात पर विचार हो रहा है कि टैरिफ कम करने के लिए क्या तरीका अपनाया जाए। हाल ही में यह भी खबर सामने आई थी कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) उन ऐप्स पर भी अपना नियंत्रण करेगा जो टीवी चैनलों की लाइव स्ट्रिमिंग करते हैं। इन ऐप्स को भी देश में चलाने के लिए कंपनियों को ट्राई से लाइसेंस लेना होगा।
मोबाइल ऐप्स जैसे कि हॉटस्टार, एयरटेल टीवी, जियो टीवी, सोनी लिव, एमएक्स प्लेयर, जी5 कई चैनलों की लाइव स्ट्रिमिंग करते हैं। इनको भी अब वैसे ही लाइसेंस लेना होगा जैसे कि ब्रॉडकास्टिंग कंपनियों ने ले रखा है। फिलहाल इन मोबाइल ऐप्स पर टीवी चैनलों की स्ट्रिमिंग मुफ्त में होती है। इन ऐप्स पर ट्राई का नियंत्रण भी नहीं है। ट्राई का कहना है कि उसने ब्रॉडकास्टिंग कंपनियों को लाइसेंस दे रखा है कि वो अपना कंटेंट केबल ऑपरेटर या फिर डीटीएच कंपनियों को दें। लेकिन मोबाइल ऐप्स जैसे तीसरी पार्टी अगर चैनलों को मुफ्त में दिखाती है तो फिर यह गलत है। इसलिए अब इन मोबाइल ऐप्स को भी लाइसेंस लेना होगा।
ट्राई जुलाई-अगस्त के बीच एक ड्राफ्ट लेकर के आएगी, जिस पर लोगों से सुझाव मांगे जाएंगे। हालांकि मोबाइल ऐप चलाने वाली कंपनियों का कहना है कि ट्राई को ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है। ऐसे ऐप्स आईटी एक्ट के अंदर आते हैं। इससे इन कंपनियों पर काफी नकारात्मक असर पड़ेगा।
अगर ट्राई इन मोबाइल ऐप्स को भी लाइसेंस की सीमा में लाता है, तो फिर लोग फ्री में कोई भी चैनल नहीं देख पाएंगे। प्रत्येक ऐप के लिए आपको पैसा देना होगा, जो कि काफी महंगा हो जाएगा। ट्राई द्वारा पहले ही टीवी देखना महंगा कर दिया है। ट्राई के इस नए कदम से लोग मोबाइल पर टीवी देखना बंद कर देंगे। अभी बड़े शहरों में लोग अपने पसंदीदा कार्यक्रमों को मोबाइल ऐप पर देखना पसंद करते हैं।