एचआईवी पीड़ित कर्मचारियों के लिये, हाईकोर्ट का अहम फैसला

इलाहाबाद,  इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि एचआईवी पीड़ित कर्मी को मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता। ऐसे कर्मी को चिकित्सीय मदद की जरूरत है, पैसे की कमी के चलते ऐसा नहीं हो सकता।

अब रेल टिकट कंफर्मेशन के लिये बड़ी सुविधा, मध्यरात्रि से शुरू होगी ये नयी वेबसाइट

कैराना और नूरपुर में हार देख भाजपा ने निष्पक्ष चुनाव में लगाया अड़ंगा

न्यायालय ने सीआरपीएफ कांस्टेबल एचआईवी पीड़िता याची को अन्य विभाग में अन्य सेवा में नियुक्ति पर विचार करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने केन्द्रीय गृह सचिव से कहा है कि वह याची की अर्जी पर छह हफ्ते में नियुक्ति के संबंध में निर्णय ले। न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल ने श्रीमती शोभा सिंह की याचिका पर यह आदेश दिया है।

जानिए मुलायम सिंह को क्यों जाना पड़ा सुप्रीम कोर्ट

अब टेलीकॉम सेक्टर में बाबा रामदेव ने मारी एंट्री , लॉन्च किया सिम कार्ड, जानिए क्या है खास…..

याचिका पर सिद्धार्थ खरे एवं भारत सरकार के अपर सालीसीटर जनरल एसण्पीण्सिंह और भारत सरकार के अधिवक्ता अरविन्द गोस्वामी ने बहस की। याचिका में एचआईवी पीड़ित होने के कारण सेवा बर्खास्तगी को चुनौती दी गयी थी। याची का कहना था कि उसे अन्य सेवाओं में रखा जा सकता है। बिना धन के वह अपना इलाज नहीं करा सकती।

बसपा के प्रदेश अध्यक्ष ने मायावती को लेकर दिया बड़ा बयान….

सपा ने बीजेपी पर लगाया ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप, चुनाव रद्द करने की मांग

मेडिकल ने कांस्टेबल के पद पर याची को अयोग्य करार दिया है। ऐसे में अन्य कार्यालयीय पद पद नियुक्ति की जा सकती है। भारत सरकार का कहना था कि सुरक्षा बल में किसी भी पद पर शारीरिक क्षमता होनी जरूरी है, इसलिए उसे सीआरपीफ में नहीं रखा जा सकता। इस पर न्यायालय ने कहा कि गृह मंत्रालय के अन्य कार्यालयों में किसी पद पर नियुक्ति की जा सकती है।

कांग्रेस संगठन मे कुछ और बड़े परिवर्तन

टीवी शो दस का दम के लिये सलमान खान की फीस जानकर चौंक जायेंगे आप

यूपी में बीएड प्रवेश की काउंसलिंग को लेकर महत्वपूर्ण सूचना

भारतीय जनता पार्टी कोई अजूबा नहीं करती है तो उपचुनाव मे दोनों सीटें जीतेंगे-रामगोविंद चौधरी

Related Articles

Back to top button