नयी दिल्ली, केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बावजूद किराये पर रह रहे छात्रों और कामगारों से किराये मांगने की शिकायत वाली एक
याचिका उच्चतम न्यायालय में दायर करके ऐसे मकान मालिकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
अधिवक्ता पवन प्रकाश पाठक एवं दिल्ली कैम्पस लॉ सेंटर के एक अंतिम वर्ष के छात्र अभिजीत ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर करके उन
मकान मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है जो राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान सरकार के आदेश के विपरीत छात्रों और
कामगारों पर किराया देने का दबाव बना रहे हैं।
याचिका में केंद्रीय गृह मंत्रालय के 29 मार्च के उस आदेश पर पूर्ण अमल का आग्रह किया गया है, जिसमें कहा गया है कि कोई भी मकान
मालिक कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के बढ़ते संक्रमण के कारण जारी राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान छात्रों और मजदूरों से किराया नहीं
मांगेगा और इस आदेश का उल्लंघन करने वालों को दंड दिया जाएगा।
याचिकाकर्ता का कहना है कि इस आदेश के बावजूद अनेक मकान मालिक छात्रों और मजदूरों से पूरा किराया देने को कह रहे हैं और ऐसा न
करने पर मकान से निकालने की धमकी दे रहे हैं।
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