भीमा कोरेगांव संग्राम की 201वीं बरसी पर, भारी संख्या मे लोग पहुंचे
January 1, 2019
मुंबई, भीमा कोरेगांव संग्राम की 201वीं बरसी पर होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेने बड़ी संख्या में दलित समुदाय के लोग इकट्ठा हो रहे हैं।सुरक्षा के मद्दे नजर सतर्कता काफी बढ़ा दी गई है।
भीमा कोरेगांव में, 1 जनवरी को शौर्य दिवस मनाये जाने को लेकर भारी संख्या मे लोग एकत्रित हो रहें हैं। भीमा कोरेगांव हिंसा के एक साल बाद होने वाले शौर्य दिवस पर तनाव के मद्देनजर, सतर्कता और बढ़ा दी गई है। उत्तरप्रदेश से भीमा-कोरेगांव पहुंच रहे भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आजाद की यात्रा को देखते हुए यह सतर्कता और बढ़ा दी गई है।
कोरेगांव-भीमा गांव और उसके चारों ओर बड़ी तादाद में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। आज एक जनवरी को यहां 5 लाख से ज्यादा लोगों के पहुंचने की उम्मीद है। पिछले साल उत्सव में हिस्सा लेने पहुंचे लोगों की भीड़ हिंसक हो गई थी जिसमें एक आदम ीकी मौत हो गई थी। जिसको लेकर 3 जनवरी को महाराष्ट्र बंद रहा था।
भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के एक साल बाद होने वाले शौर्य दिवस यहां पहुंचे दलित युवाओं में काफी उत्साह है। कई लोग पहली बार इस स्थान पर आ रहें हैं।भीमा कोरेगांव पहुंचे युवाओं के अनुसार, बाबासाहेब ने सभी को समान हक दिया है। इस बात को मानते हुये, देश में भाईचारा बढ़ना चाहिए। हम यही संदेश देने लिए यहां पहुंचे हैं।
1 जनवरी, 1818 के दिन ब्रिटिश सेना के 834 सैनिकों और पेशवा बाजीराव द्वितीय की सेना के 28,000 जवानों के बीच युद्ध हुआ था, जिसमें मराठा सेना पराजित हो गई थी। अंग्रेजों की सेना में ज्यादातर दलित समुदाय के लोग शामिल थे। इस विजय को लेकर, अंग्रेजों ने भीमा कोरेगांव विजय-स्तंभ बनाया। दलित समुदाय के लोग इसे ब्राह्मणों पर अपनी विजय का प्रतीक मानते हैं। इसलिये यहां नए साल पर 1 जनवरी को पिछले 200 साल से समारोह आयोजित होते रहें हैं।