नई दिल्ली, तीन तलाक विधेयक को कानून बनाने के लिए सरकार ने अध्यादेश का रास्ता चुना है। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को तीन तलाक पर अध्यादेश को मंजूरी दे दी। बता दें कि तीन तलाक विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है लेकिन राज्यसभा में लंबित है।
तीन तलाक पर लंबे समय से चल रही बहस के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन तलाक बिल में संशोधनों को मंजूरी दे दी है। हालांकि यह गैर जमानती अपराध ही रहेगा, लेकिन मैजिस्ट्रेट द्वारा इसमें बेल दी जा सकेगी। केंद्र की बीजेपी सरकार 2019 के आम चुनाव से पहले इसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश करना चाहती है।सरकार के इस कदम को मुस्लिम महिलाओं के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।
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आपको बता दें कि संसद के मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा में हंगामे और राजनीतिक सहमति न बन पाने की वजह से तीन तलाक पर संशोधन बिल पास नहीं हो सका था। मोदी कैबिनेट ने इस बिल में तीन संशोधन किए गए है। जिसमें ज़मानत देने का अधिकार मजिस्ट्रेट के पास होगा और कोर्ट की इजाज़त से समझौते का प्रावधन भी होगा। अब इस बिल को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेज दिया है।
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