आज रेवाड़ी से चलकर सवाईमाधोपुर जाने वाला एक परिवार अलवर पहुंचा। सवाई माधोपुर निवासी राजेंद्र बैरवा ने बताया कि वह हरियाणा के रेवाड़ी में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करता था। एक ठेकेदार के यहां वह सहायक का काम कर रहा था उस ठेकेदार ने वहां से भगा दिया। उन्हें कोई धनराशि भी नहीं दी गई और कमरे खाली करा लिए गए। ऐसी स्थिति में वह अपने भाई एवं छह बच्चों के साथ बुधवार की सुबह छह बजे पैदल रवाना हुए और रेल की पटरी किनारे चलते हुए अलवर पहुंचे हैं और सवाईमाधोपुर पहुंचने में उन्हें कम से कम चार दिन और लग जाएंगे।
उसने बताया कि हरियाणा सीमा पार करने के बाद जैसे ही राजस्थान में प्रवेश किया तो यहां का जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन देवदूत के रूप में सामने आया। जहां जहां भी हम रुके वहां पर जिला प्रशासन की ओर से भोजन एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराई गई। हरियाणा में हमें किसी ने नहीं पूछा। कोई खाद्य सामग्री उपलब्ध नहीं कराई गई। ठेकेदार ने खानपान के लिए कोई सामान नहीं दिया। उन्होंने बताया कि अब जिला प्रशासन से एक ही बात है कि हमें सवाई माधोपुर तक पहुंचा दें क्योंकि उनके पास छोटे-छोटे बच्चे हैं हम तो पैदल चल देंगे लेकिन हमारे बच्चों के साथ स्थिति खराब है।