यूपी मे दलितों का ये हाल, मजदूरी से मना करने पर मूंछें उखाड़ी, जूते मे पिलायी पेशाब
May 2, 2018
बदायूं , यूपी मे दलितों के उत्पीड़न की एक के बाद एक घटना सामने आ रही है। मजदूरी से मना करने पर दलित की मूंछ उखाडऩे के बाद उसको जूते मे पेशाब पिलाने का मामला सामने आया है। इसमे यूपी पुलिस की घोर लापरवाही सामने आयी है।
बदायूं के दातागंज के हजरतपुर थाना क्षेत्र के गांव आजमपुर बिसौरिया में अनुसूचित जाति के सीताराम 23 अप्रैल को वह अपने खेत में गेंहू काट रहा था। तभी उसी के गांव के ही रहने वाले विजय सिंह, विक्रम सिंह, पिंकू और सोमपाल उसके पास आए और अपने खेत में खड़ा गेंहू काटने को कहा। वे चाहते थे कि वह पहले उनके खेत का गेहूं काटे। सीताराम के मुताबिक उसने उनका गेहूं काटने से मना किया तो उन लोगों ने खेत में ही उसकी जूतों से पिटाई की और जबरन गांव ले आए, जहां पेड़ से बांधकर उससे मारपीट की और जूते में पेशाब पिलाई. इसके अलावा उसकी मूंछे भी उखाड़ लीं.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का कहना है कि पीड़ित ने कथित घटना वाले दिन डायल-100 पर सूचना दी थी कि कुछ लोग उसके साथ मारपीट कर रहे हैं। पुलिस मौके पर पहुंची थी और कार्यवाही करके वापस लौट आई थी। उसके करीब 50 मिनट बाद वाल्मीकि की पत्नी ने भी डायल-100 पर फोन किया और बताया कि उसके पति से कुछ लोग मारपीट कर रहे हैं। डायल-100 की टीम ने फिर मौके पर पहुंचकर कार्यवाही की थी।
सूत्रों के अनुसार , पुलिस लीपापोती करती रही। करीब एक हफ्ते पहले की इस घटना के मीडिया में आने के बाद पुलिस ने बेहद सक्रियता दिखाई, इससे पहले पुलिस चुपचाप थी। रविवार को पीडि़त ने जिला मुख्यालय पहुंचकर पुलिस लाइंस में चल रहे कार्यक्रम के दौरान वहां पर अधिकारियों को पीड़ा सुनाई। एसपी सिटी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने हजरतपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराकर कार्रवाई शुरू की।
इस मामले में 29 अप्रैल को मुकदमा दर्ज किया गया और रात सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले में आईपीसी की धारा 308, 342, 332, 504, 506 और दलित एक्ट के तहत प्राथमिकी पंजीकृत की गयी है। जबकि इस मामले में गंभीरता न दिखाने पर एसओ हजरतपुर को निलंबित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दलितों के घर भोजन कर लेने और दलित मित्र का सम्मान ले लेने भर से दलितों की स्थिति मे कोई सुधार आने वाला नही । बेहतर होगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दलितों का उत्पीड़न करने वालों पर सख्त से सख्त कार्यवाही कर, यह संदेश दें कि यूपी मे दलित उत्पीड़न सरकार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही करेगी।