दलित किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म पर, डीआईजी मनोज तिवारी का शर्मनाक जवाब…..
February 21, 2018
बांदा, योगी सरकार मे यूपी पुलिस बेलगाम है, प्रमोशन के लिये फर्जी एन्काउंटर से लेकर कुछ भी करने या कहने मे अब शायद यूपी पुलिस के अफसरों को कोई डर नही लगता है। एेसा ही एक शर्मनाक बयान बांदा परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक मनोज कुमार तिवारी का सामने आया है।
बांदा जिले के अतर्रा थाने के महुटा गांव में दो दिन पूर्व एक दलित किशोरी के साथ दो युवकों द्वारा कथित रूप से रातभर सामूहिक दुष्कर्म किए जाने के मामले मे, पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म के मामले को दरकिनार कर सिर्फ एनसीआर दर्ज किया है। इस संबंध में जब बांदा के डीआईजी मनोज कुमार तिवारी से बात की गई तो उन्होंने अजीबोगरीब जवाब दिया। उन्होने दो टूक जवाब दिया कि “बांदा जिले में अपराध रोकना एसपी की जिम्मेदारी है, मेरी नहीं।”
दलित किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म किए जाने के मामले मे, पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुंह से एेसा असंवेदनशील जवाब सुनकर यह स्पष्ट हो जाता है कि अब योगी सरकार मे ये पुलिस अधिकारी बेलगाम हो गयें हैं। इसीलिये यूपी की कानून व्यव्स्था पर रोज उंगलियां उठ रहीं हैं। एक तो डीआईजी मनोज कुमार तिवारी की सरपरस्ती मे पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म के मामले को दरकिनार कर सिर्फ एनसीआर दर्ज किया है। दोषियों पर कार्यवाही करने के बजाय, दे रहें हैं ये जवाब…
अगर डीआईजी मनोज कुमार तिवारी की बात को सही मान भी लिया जाये तो बड़ा सवाल यह उठता है कि जब जिले मे एसपी ही सब कुछ है, तो डीआईजी मनोज कुमार तिवारी की जरूरत ही क्या है? क्यों वह गरीब जनता की गाढ़ी कमाई के टैक्स से मिलने वाली मुफ्त की तनख्वाह ले रहें हैं।