नई दिल्ली, एक समय चुनाव में जीत की गारंटी बन चुके प्रशांत किशोर उस समय चर्चा में आए थे जब 2014 के चुनाव प्रचार में बीजेपी के प्रचार को उन्होंने ‘मोदी लहर’ में बदल दिया था! अब सीधे राजनीति में कूदने का फैसला किया है!
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देश के सबसे बड़े चुनावी रणनीतिकार को तौर पर उभरे प्रशांत किशोर आज इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के द्वारा आयोजित कार्यक्रम आईएसबी लीडरशिप समिट में हिस्सा लेने पहुंचे। यहां उनसे राजनीतिक पार्टियों से जुड़े कई सवाल किए गए। इन सवालों का काफी सधे तरीके से प्रशांत किशोर ने जवाब दिया। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने 2014 में भाजपा के लिए कैंपेन की शुरुआत की।वह आज इसकी घोषणा हैदराबाद में कर सकते हैं!
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प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं लोगों के साथ जुड़ना चाहता हूं। निचले स्तर से एक बार फिर से शुरुआत करना चाहता हूं। मैं पाला बदलने वाले लोगों में से नहीं हूं। ना हीं किसी पार्टी ने मुझे पैसे देकर खरीदा है। मैं कई नेताओं के साथ मिलता रहता हूं और सबके साथ मेरे संबंधे भी अच्छे हैं।मैंने पैसे के लिए कभी पार्टी नहीं बदली। ना हीं कभी पैसे के लिए किसी पार्टी के लिए काम करने के बारे में कभी सोचा।
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प्रशांत किशोर 2014 में बीजेपी, 2015 में महागठबंधन और 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के लिये काम कर चुके हैं. एक समय चुनाव में जीत की गारंटी बन चुके प्रशांत किशोर उस समय चर्चा में आए थे जब 2014 के चुनाव प्रचार में बीजेपी के प्रचार को उन्होंने ‘मोदी लहर’ में बदल दिया था! उन्होंने साल 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के प्रचार की कमान संभाल ली और इस चुनाव में बीजेपी को तगड़ी हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश चुनाव में कांग्रेस के प्रचार की कमान संभाल ली !लेकिन नतीजों में भी पार्टी बुरी तरह से हार गई!
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प्रशांत किशोर ने कहा कि जब 2014 के बाद उनसे पूछा गया कि उन्होंने भाजपा का साथ क्यों छोड़ा ?मैं भाजपा से अलग इसलिए हो गया क्योंकि मैं कुछ कामों को करने के लिए बेहद जल्दी में था लेकिन पीएम मोदी कामों को अलग तरीके से करना चाहते थे। इन्हीं विचारों की भिन्नता के चलते मैंने अलग रास्ता चुना और इसके बाद मुझे नीतीश कुमार से बेहतर और कोई नहीं लगा क्योंकि उनकी भी अपनी एक सोच है जो मेरी सोच से मिलती थी।चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर राजनीति में आने का फैसला आज हैदराबाद में कर सकते हैं!