देवरिया सेक्स रैकेट मामले में सरकार आयी हरकत में,देखिए किन पर गिरी गाज
August 6, 2018
लखनऊ, उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में मां विंध्यावासिनी बालिका संरक्षण गृह में देह व्यापार के आरोप के खुलासे के बाद यूपी सरकार में हड़कंप मचा हुआ है. पुलिस की छापेमारी के बाद ये बात सामने आई कि देवरिया में शेल्टर होम चलाया जा रहा था, जहां लड़कियों से जबरन देह व्यापार कराया जा रहा था. वहीं, इस मामले में यूपी सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए देवरिया के जिलाधिकारी को सस्पेंड कर दिया है.
इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी को तलब कर लिया है. इसके साथ ही उन्होंने डीएम देवरिया सुजीत कुमार को हटाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही सीएम योगी ने डीपीओ को निलंबित करने का फरमान सुनाया है.
डॉ रीता जोशी ने बताया कि मामले में डीएम को हटा दिया गया है. वहीं पूर्व के डीपीओ अभिषेक पांडेय इन्हें सस्पेंड किया गया है. वहीं अंतरिम चार्ज में रहे दो अधिकारी नीरज कुमार और अनुज सिंह के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव, महिला कल्याण रेणुका कुमार और एडीजी अंजू को अलग-अलग जांच करने के लिए देवरिया भेजा है. ये दोनों आज दिन भर देवरिया में रहेंगीं और एक-एक बच्चे से बात करेंगीं और कल रिपोर्ट सीएम को सौंपेंगीं. मुख्यमंत्री ने इसके अलावा प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को 12 घंटें का समय देते हुए कहा कि प्रदेश भर के सभी सरकारी और गैर सरकारी शेल्टर होम की जांच करके पेश की जाए.
दरअसल मामले में महिला एवं बाल कल्याण विभाग और जिला प्रशासन की लापरवाही सामने आई है. सवाल यह उठ रहे हैं कि 23 जून 2017 को मान्यता खत्म होने के बाद 30 जुलाई 2018 को एफआईआर क्यों कराई गई? इतना ही नहीं 30 जुलाई को लिखी गई एफआईआर पर पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की. फिलहाल रविवार रात दर्ज हुई एफआईआर में शारिरिक छेड़छाड़ और पॉक्सो की धारा बढ़ाई गई है.
मामले में मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि ये संरक्षण गृह अनाधिकृत रूप से चल रहा था. पहले भी कई बार इस संरक्षण गृह को बंद करने के लिए नोटिस दिए गए. उन्होंने कहा कि मामला बेहद गंम्भीर है, हर बिंदु पर जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि देह व्यापार होता था या नहीं? ये रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा.