जयप्रकाश सिंह को पार्टी से निष्कासित कर, मायावती ने किये एक तीर से कई शिकार
July 22, 2018
नई दिल्ली, बसपा प्रमुख मायावती ने अपने करीबी और पार्टी के उपाध्यक्ष रहे जयप्रकाश सिंह को पार्टी से भी निष्कासित कर दिया है. दो दिन पहले अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी के सभी पदों से हटाने के बाद , मायावती ने ये एक और बड़ी कार्रवाही की है।
मायावती की अध्यक्षता में हुई बसपा नेताओं की राष्ट्रीय बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक के बाद पार्टी की ओर जारी बयान के अनुसार जयप्रकाश सिंह की ‘अनर्गल’ बयानबाजी को बसपा के सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुये उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत यह फैसला किया गया।
दरअसल, बसपा प्रमुख ने यह कदम काफी सोंच समझकर उठाया है। उनको यह अच्छी तरह मालूम है कि पार्टी मे बिना अनुशासन के सफलता प्राप्त करना बहुत मुश्किल है। इसीलिये मायावती द्वारा प्रदेश नेताओं को भविष्य में संभावित गठबंधन और चुनावी रणनीति से जुड़े किसी भी मुद्दे पर मीडिया में बयानबाजी करने से बचने की स्पष्ट हिदायद भी दी गयी है।
इस साल के अंत में तीन राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में बसपा मजबूती के साथ उतरेगी। सूत्रों के अनुसार, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के साथ बसपा नेतृत्व की रणनीतिक चर्चाओं का शुरुआती चरण पूरा हो चुका है। इस बीच छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी गठित कर चुके राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के साथ भी हाल ही में मायावती की मुलाकात हो चुकी है।
सूत्रों के अनुसार, बसपा प्रमुख ने कांग्रेस नेतृत्व के समक्ष गठबंधन होने की स्थिति में तीनों राज्यों में मिलकर चुनाव लड़ने की शर्त रखी है। कांग्रेस को लेकर गठबंधन का फैसला अंतिम चरण मे है। एेसे समय मायावती ने जयप्रकाश सिंह की ‘अनर्गल’ बयानबाजी पर कड़ी कार्रवाही कर, न केवल कांग्रेस बल्कि समूचे विपक्ष को ये सीधा संदेश दिया है कि सहयोगी दलों का बसपा मे पूरा सम्मान है।
मायावती का 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री के रूप मे स्वयं को प्रस्तुत करने का इरादा है। ज्यादातर बड़े विपक्षी दल को मायावती को नेतृत्व स्वीकार भी कर रहें हैं। एेसी स्थिति मे, मायावती किसी भी कारण से अपने विपक्षी साथियों मे कोई गलतफहमी नही पैदा करना चाहती हैं।