नई दिल्ली, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी आज मध्य प्रदेश में थे. वह महू में जय बापू, जय भीम, जय संविधान रैली को संबोधित कर रहे थे. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के महू में ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ रैली को संबोधित करते हुए दलित, पिछड़ों और आदिवासियों की अंतरात्मा को झकझोरने का काम किया। उन्होने आरएसएस और बीजेपी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में विचारधारा की लड़ाई चल रही है, एक तरफ कांग्रेस है जो संविधान को मानते हैं तो दूसरी तरफ आरएसएस और बीजेपी है जो संविधान के खिलाफ है और इसको खत्म करना चाहते हैं. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, “कांग्रेस पार्टी संविधान को मानती है और संविधान के लिए लड़ रही है. दूसरी तरफ RSS भाजपा संविधान के खिलाफ हैं संविधान को कमजोर करते हैं और इसको खत्म करना चाहते हैं. संविधान केवल एक किताब नहीं है इसमें भारत की हजारों साल पुरानी सोच है. कुछ दिन पहले मोहन भागवत जी ने कहा कि देश को 15 अगस्त 1947 में आजादी नहीं मिली, वो झूठी आजादी थी सच्ची आजादी मोदी जी के आने के बाद मिली. ये सीधा संविधान पर आक्रमण है. राहुल गांधी ने कहा कि जिस दिन ये संविधान खत्म हो गया, उस दिन हिंदुस्तान के गरीबों, दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के लिए कुछ नहीं बचेगा.
राहुल गांधी ने कहा कि… आजादी से पहले देश में गरीबों, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों के पास कोई अधिकार नहीं थे… सिर्फ राजा-महाराजाओं के पास अधिकार थे…आजादी के बाद संविधान बना तो देश में सभी को अधिकार मिले… आजादी के बाद वो बदलाव आया है. लेकिन बीजेपी और आरएसएस चाहते हैं कि जैसे पहले गरीबों, आदिवासियों, पिछड़ों के अधिकार नहीं थे, वो स्थिति फिर बन जाए.BJP-RSS के लोग आजादी के पहले जैसा हिंदुस्तान चाहते हैं।
देश में दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों की स्थिति को लेकर राहुल गांधी ने जो कुछ भी कहा उसमें कुछ भी गलत नही है। ये हकीकत है कि आज देश की 85 प्रतिशत आबादी जो इनही वर्गों से आती है उसकी स्थिति अच्छी नही है। और उसे जो कुछ भी आजादी के बाद मिला वह संविधान से मिले अधिकारों के कारण ही मिला। मुझे लगता है कि राहुल गाँधी की ये बातें हर दलित, पिछड़े, आदिवासी को सुननी चाहिये और अपने तथा अपने बच्छों के भविष्य के लिये उसपर विचार करना चाहिये।