लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ करवाने पर, सपा सहित कई पार्टियों ने खोले पत्ते
July 8, 2018
नई दिल्ली, देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव करवाने को लेकर कई पार्टियों ने अपने पत्ते खोल दिये हैं। केंद्रीय कानून आयोग ने दो दिन की बैठक आयोजित की, जिसमें सभी राष्ट्रीय और राज्यों की मान्यता प्राप्त पार्टियों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है। इसमें एक साथ चुनाव करवाने पर उनकी क्या राय है यह पूछा जा रहा है।
बैठक के पहले दिन शनिवार को विपक्षी पार्टियों ने भारतीय जनता पार्टी के इस प्रस्ताव का विरोध किया था। इतना ही नहीं बीजेपी के सहयोगी दल गोवा फॉर्वर्ड पार्टी ने भी इसपर ऐतराज जताया। जीएफपी अध्यक्ष विजय सरदेसाई ने कहा था, ‘उनकी पार्टी नहीं चाहती कि लोकसभा चुनाव के साथ राज्य विधानसभा के चुनाव भी करवाए जाएं। लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ करवाने का प्रस्ताव क्षेत्रीय भावनाओं के खिलाफ है।
आज मीटिंग में पहुंचे डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने बीजेपी के प्रस्ताव का विरोध किया है। उन्होंने इसे संविधान के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ बताया। एमके स्टालिन ने लॉ कमीशन को अपने पत्र में कहा है, डीएमके का दृढ़ विचार है कि लोकसभा और विधानसभा के लिए एक साथ चुनाव कराना संविधान की मूल भावना का विरोध करने जैसा होगा।
तृणमूल कांग्रेस की तरफ से मीटिंग में पहुंचे सांसद कल्याण बनर्जी ने भी इसपर ऐतराज जताते हुए कहा था, ‘संविधान की मूल संरचना में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है। एक साथ चुनाव मूल संरचना के खिलाफ हैं इसलिए हम इसके साथ नहीं है। ऐसा नहीं होना चाहिए।’ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, समाजवादी पार्टी और तेलंगाना राष्ट्र समिति ने कहा है कि उनकी पार्टी एक देश एक चुनाव पर सहमत है।
रविवार को केंद्रीय कानून आयोग में एसपी का पक्ष रखने के बाद रामगोपाल यादव ने कहा, ‘समाजवादी पार्टी एक साथ चुनाव करवाने के पक्ष में है। यह 2019 से ही शुरू होना चाहिए। साथ ही अगर राजनेता पार्टी बदलता है या हॉर्स ट्रेडिंग में संलिप्त पाया जाता है तो राज्यपाल को उनपर एक हफ्ते के अंदर ऐक्शन लेने का अधिकार होना चाहिए।’
अप्रैल में लॉ कमीशन ने कहा था कि 2019 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराए जा सकते हैं। लेकिन इसके लिए संविधान में दो महत्वपूर्ण संशोधन करने होंगे साथ ही राज्य सरकारों की भी मंजूरी जरूरी होगी। लॉ कमीशन दो दिन की बैठक का आयोजन किया, जिसमें पूरे देश में एक साथ ही चुनाव कराने पर मंथन हो रहा है। इस बैठक में करीब 14 पार्टियों ने भाग लिया है, लेकिन कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया इससे दूर रही।