नई दिल्ली, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पत्रकारिता की पोल कर रख दी है. उन्होने खबरों को छापने मे मीडिया संस्थानों द्वारा किये जा रहे भेदभाव पर सवाल उठायें हैं ?
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तेजस्वी यादव ने खबरों को छापने मे किये जा रहे भेदभाव पर सवाल उठाते हुये पूछा कि क्यों उनकी खबरों को समाचार पत्रों के शहर के संस्करण में सिंगल कॉलम में समेट दिया जाता है. उन्होने कहा कि एेसा खास तौर पर हिंदी अख़बारों में किया जा रहा है. उन्होंने इसके लिए पत्रकारों को नहीं, बल्कि मीडिया घरानों के मालिकों को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने पूछा है कि आखिर उनकी क्या ग़लती है जिसके कारण उनकी खबर या बयान वह नहीं छापते?
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तेजस्वी ने लिखा है- बिहार की सबसे बड़ी पार्टी के 80 विधायको के नेता और नेता प्रतिपक्ष को 80 लाइन नहीं तो 80 शब्द तो बनते हैं. हमारी प्रेस रिलीज़ को खानापूर्ति कर प्रादेशिक की जगह शहर के संस्करण के किसी कोने में सीमित कर दिया जाता है. विशेषत: हिंदी अख़बारों में. गलती पत्रकारों की नहीं, मालिकों की है.
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बिहार की सबसे बड़ी पार्टी के 80 विधायको के नेता और नेता प्रतिपक्ष को 80 लाइन नहीं तो 80 शब्द तो बनते हैं।
हमारी प्रेस रिलीज़ को खानापूर्ति कर प्रादेशिक की जगह शहर के संस्करण के किसी कोने में सीमित कर दिया जाता है।विशेषत: हिंदी अख़बारों में
गलती पत्रकारों की नहीं, मालिकों की है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 27, 2018