इस जस्टिस ने CJI को लिखा खत , कहा SC का अस्तित्व खतरे में
April 12, 2018
नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट के जजों के बीच कायम गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे चेलामेश्वर के सवाल उठाने के बाद अब जस्टिस कुरियन जोसेफ ने भी चीफ जस्टिस को चिट्ठी है. कुरियन जोसेफ ने अपनी चिट्ठी में कॉलेजियम की सिफारिशों पर केंद्र के रवैए पर भी नाराजगी जताई है.
जस्टिस कुरियन ने CJI को लिखा कि सुप्रीम कोर्ट का अस्तित्व खतरे में है और यदि जजों की नियुक्ति के मामले में सरकार की चुप्पी पर कोर्ट कुछ नहीं करता है तो इतिहास हमें माफ नहीं करेगा। जस्टिस कुरियन की इस टिप्पणी से सरकार तथा सुप्रीम कोर्ट के बीच टकराव की संभावना है।
जस्टिस कुरियन ने पत्र में लिखा, ‘कोलेजियम द्वारा एक जज और एक वरिष्ठ वकील को तरक्की देकर सर्वोच्च न्यायालय में लाने की सिफारिश को दबा कर बैठे रहने के सरकार के अभूतपूर्व कदम पर यदि कोर्ट ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो इतिहास हमें माफ नहीं करेगा। उन्होंने जोरदार शब्दों में अपील करते हुए कहा कि अदालत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी सिफारिश पर तीन महीने बाद तक यह पता नहीं चल पा रहा है कि उस सिफारिश का क्या हुआ।
उन्होंने CJI से गुजारिश की कि इस मसले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सात वरिष्ठ जजों की बेंच के द्वारा सुनवाई की जाए। जस्टिस कुरियन ने इस पत्र की कॉपी सुप्रीम कोर्ट के 22 अन्य जजों को भी भेजी है। दरअसल जस्टिस कुरियन ने अपने खत में कोलेजियम के फरवरी के उस निर्णय का हवाला दिया जिसमें वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा और उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के.एम. जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट में जज बनाने की सिफारिश की गई है।