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प्रवासी प्रजातियों के लिए एंबेसडर नामित हुए रणदीप हुड्डा

गांधीनगर,  प्रवासी जीवों विशेषकर जलीय जीवों के संरक्षण का संदेश आम लोगों तक पहुंचाने के इस संबंध में बने संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन (सीएमएस) ने फिल्म अभिनेता रणदीप हुड्डा को अपना एम्बेसडर नियुक्त किया है।

सीएमएस के सदस्य देशों की यहां हो रही 13वीं बैठक के दौरान आयोजित एक कार्यक्रम में श्री हुड्डा को जलीय जीवों के लिए, बीबीसी, डिस्कवरी और नेशनल जियोग्राफिक के लिए वन्य जीवों पर कई वृत्त चित्र बनाने वाले जाने-माने जीवशास्त्री एवं संरक्षणवादी इयान रेडमंड को जमीन पर रहने वाले जीवों के लिए और एक विशेष प्रजाती के हंसों को बचाने के लिए पैरामोटर से 7000 किलोमीटर की हवाई यात्रा करने वाली साशा डेंच को पक्षियों तथा अन्य नभचरों के लिए एम्बेसडर बनाया गया है।

सीएमएस की कार्यकारी अध्यक्ष एमी फ्रेंकल ने तीनों को औपचारिक रूप से एम्बेसडर नियुक्त किया।श्री हुडडा ने कहा कि वह दिल से एक संरक्षणवादी हैं और पहले से ही मुंबई के बसोवा समुद्र तट की सफाई के अभियान से जुड़े रहे हैं। ‘हैशटैग हीरोज विदआउट मेकअप’ की पहल के तहत उन्होंने असल जिंदगी के हीरो की तलाश शुरू की थी। तब उनकी मुलाकात अफरोज शाह नाम के एक व्यक्ति से हुई जो दो अन्य लोगों के साथ मिलकर बसोवा समुद्र तट को साफ करने की मुहिम छेड़े हुये थे।

वहीं से समुद्र के प्रदूषण और समुद्री जीवों के संरक्षण में उनकी रुचि पैदा हुई। तब उन्हें पता चला कि हमारी आधुनिक जीवनशैली के कारण समुद्र मर रहा है। बटन, दूध के पैकेट, पेन, गुटखा के पैकेट, सिगरेट के बड तथा इसी प्रकार की कई अन्य चीजें उसमें जा रही हैं।एक अनुमान का हवाला देते हुये उन्होंने कहा कि हर साल एक लाख समुद्री जीवों की मौत इन प्रदूषणों के कारण हो जाती है। साथ ही 10 लाख समुद्री पक्षी प्लास्टिक खाकर मर जाते हैं।

उन्होंने कहा कि इस अवधारणा के कारण कि हम कुछ नहीं कर सकते, अधिकतर लोग कुछ करने की मानसिकता तैयार नहीं कर पाते, वे अपनी जीवनशैली और व्यवहार में बदलाव नहीं ला पाते। इसलिए यह जरूरी है कि हम सफलता की कहानियां लोगों के सामने लायें जिससे वे प्रेरणा ले सकें। बसोवा समुद्र तट से बीच में गायब हो चुके समुद्री कछुए तट की सफाई के बाद अब वापस तट पर लौटने लगे हैं।श्री हुड्डा ने कहा कि सीएमएस का एम्बेसडर बनने से उन पर लोगों को जागरुक करने की यह बड़ी जिम्मेदारी आ गयी है। साथ ही यह सीखने और जमीनी स्तर पर काम करने का भी अवसर देता है।

यह पूछे जाने पर कि एक फिल्म अभिनेता के लिए यह काम कितना कठिन है उन्होंने कहा कि जिस काम में व्यक्ति की रुचि हो उसके लिए समय मिल ही जाता है।नभचर जीवों के लिए सीएमएस की नयी ब्रांड एम्बेसडर साशा ने बताया कि उनके लिए यह काफी सम्मान की बात है। सीएमएस के साथ जुड़ने के बाद उन्हें हंस के अलावा दूसरे जीवों के लिए भी काम करने का मौका मिलेगा। वह यह जान सकेंगी कि कौन-कौन से जीवों को ज्यादा खतरा है और प्राथमिकता के आधार पर उनके संरक्षण की जरुरत है।पेशे से समुद्री कछुआ जीवविज्ञानी साशा पैरामोटर से इंग्लिश चैनल पार करने वाली अकेली व्यक्ति हैं।

करीब 18 साल पहले खराब मौसम में उनका विमान फंस गया था और उस समय उन्होंने और उनके तीन सहयात्रियों ने मौत का डर देखा था। अपने इसी डर को दूर भगाने के लिए 2013-14 में उन्होंने पैरा ग्लाइडिंग शुरू की और वर्ष 2016 में इसे हंस के संरक्षण का माध्यम बनाया।श्री इयान ने कहा कि जलचरों और नभचरों की तुलना में भूचर जीव ज्यादा दूर नहीं जाते। वे एक महादेश से दूसरे महादेश की यात्रा नहीं करते। वे हद से हद एक देश की सीमा पार कर पड़ोसी देश तक पहुंच जाते हैं। उनकी भूमिका देश की सीमाओं से परे इसी संपर्क मार्ग को दुबारा स्थापित करने की होगी।मानव से इतर जीवों के अधिकारों पर उनकी राय पूछे जाने पर श्री इयान ने कहा कि वे दूसरे जीवों के अधिकारों की बजाय उनके सम्मान की बात करना चाहेंगे। हमें दूसरे जीवों को भी सम्मान देना चाहिये क्योंकि उनके बिना इंसानों का अस्तित्व भी नहीं रहेगा।