देश भर में खेतों की ये है स्थिति, दलहनी और तिलहनी के बाद गेहूं मे फँसा किसान ?
April 20, 2020
नयी दिल्ली , लाॅकडाउन के बावजूद देश में रबी दलहनी और तिलहनी फसलों की कटाई एवं उससे दाना निकालने का काम लगभग पूरा हो गया है जबकि जबकि गेहूं की कटाई चरम पर है ।
देश भर में 63 से 67 प्रतिशत तक गेहूं की कटाई का काम पूरा हो गया है जबकि गेहूं उत्पादन में अग्रणी राज्य पंजाब और हरियाणा में यह रफ्तार पकड़ने वाला है । इन राज्यों में बड़ी संख्या में कम्वाईन हार्वेस्टर को लगाया गया है । देश में 310 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुआई की गयी थी ।
कृषि मंत्रालय के अनुसार मध्य प्रदेश में 90 से 95 प्रतिशत गेहूं की कटाई का काम हो गया है जबकि राजस्थान में 80 से 85 प्रतिशत , उत्तर प्रदेश में 60 से 65 प्रतिशत , हरियाणा में 30 से 35 प्रतिशत और पंजाब में 10 से 15 प्रतिशत कआई कार्य पूरा हो गया है । पंजाब में 18000 तथा हरियाणा में 5000 कम्बाईन हार्वेस्टर लगाया गया है ।
चना , मसूर , उड़द , मूंग और मटर की कटाई और दाना निकालने का काम पूरा हो गया है । दलहनों की 161 लाख हेक्टेयर में बुआई की गयी थी । इस बार करीब 69 लाख हेक्टेयर में तिलहनी फसलों विशेषकर सरसों को लगाया गया था । राजस्थान , उत्तर प्रदेश , हरियाणा , मध्य प्रदेश , पश्चिम बंगाल , झारखंड , गुजरात , छततीसगढ , बिहार , पंजाब , असम और कुछ अन्य राज्यों मे यह फसल तैयार हो गयी है ।
देश में 54.29 लाख हेक्टेयर में गन्ना लगाया गया था तथा महाराष्ट्र , कर्नाटक , गुजरात , आन्ध्र प्रदेश , तेलंगना और पंजाब में इसकी कटाई का काम पूरा हो गया है जबकि तमिलनाडु , बिहार , हरियाणा और उत्तराखंड में 92 से 98 प्रतिशत कटाई कार्य पूरा हुआ है । उत्तर प्रदेश में गन्ने की 75 से 80 प्रतिशत कटाई का काम ही पूरा हुआ है जिसके मई मध्य तक पूरा होने की उम्मीद है । मूंगफली की खेती 4.7 लाख हेक्टेयर में की गयी थी जिनमें से करीब 90 प्रतिशत तैयार हो गयी है ।
आन्ध्र प्रदेश , असम , छत्तीसगढ , गुजरात , कर्नाटक , केरल ओडिशा , तमिलनाडु , तेलंगना त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में 28 लाख हेक्टेयर में रबी धान की बुआई की गयी थी जो अब तैयार होने वाली है ।
इस बार नमी की अच्छी मात्रा के कारण 17 अप्रैल तक पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक ग्रीष्मकालीन फसलों की बुआई की गयी है । पिछले साल 38.64 लाख हेक्टेयर में इन फसलों को लगाया गया था जबकि इस बार 52.78 लाख हेक्टेयर में इसकी खेती की गयी है ।