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लखनऊ हाईकोर्ट मे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी सुनवाई, ये हैं जरूरी निर्देश ?

लखनऊ ,  इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में अब अति आवश्यक मामलों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी। साथ ही मुकदमा ई-फाइलिंग से दाखिल होगा।

उच्च न्यायालय के महानिबंधक ने इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अधिवक्ता या वादकारी अपने मोबाइल या लैपटॉप या पीसी या टैब की सहायता से न्यायालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़कर बहस या अपना पक्ष प्रस्तुत कर सकेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए उच्च न्यायालय , संबंधित वकील या वादकारी को ई-मेल व एसएमएस से जरूरी सूचनाएं भेजेगा।

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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए संबंधित वकील या वादकारी को न्यायालय समय आवंटित करेगा। संबंधित वकील या वादकारी को सुनवाई के निर्धारित समय से दस मिनट पहले अपना मोबाइल, लैपटॉप, पीसी या टेबलेट तैयार रखना होगा। आवंटित समय पर उपस्थित न होने वाले वकील या वादकारी के मुकदमे में न्यायालय एक पक्षीय आदेश भी कर सकता है। यह स्पष्ट किया गया है कि इस प्रक्रिया में नो एडवर्स आर्डर का प्रावधान लागू नहीं होगा।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए जिस्टी मीट सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाएगा। उसका लिंक संबंधित वकील, वादकारी के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ई-मेल व एसएमएस से भेजा जाएगा। लिंक पर क्लिक करके इस सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करना होगा। सॉफ्टवेयर डाउनलोड होते ही अधिवक्ता या वादकारी उच्च न्यायालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ जाएंगे। सुनवाई के लिए आवंटित समय से पांच मिनट पहले अधिवक्ता को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम से जुड़ना होगा। इसके लिए एसएमएस से भेजा गया लिंक अपने मोबाइल या लैपटॉप के वेब ब्राउजर पर टाइप करना होगा। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए अधिवक्ता के पास एंड्रायड या एप्पल मोबाइल, आईपैड, पीसी, लैपटॉप आदि में से कोई एक उपकरण होना चाहिए।

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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से न्यायालय में उपस्थित होने वाले अधिवक्ता को उन सभी शिष्टाचार का पालन करना होगा जो खुले न्यायालय में मुकदमे में बहस करते समय किए जाते है। हालांकि उच्च न्यायालय ने वकीलों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान गाउन पहनने से छूट दी है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की प्रक्रिया केवल अति आवश्यक मामलों के लिए की गई है। ई-फाइलिंग की व्यवस्था पूर्व के निर्देशों के अनुसार होगी क्योंकि उच्च न्यायालय में मुकदमों की ई-फाइलिंग लंबे समय से होती आ रही है इसलिए इससे संबंधित सभी नियम पहले की ही तरह रहेंगे।

वकीलों की सुविधा के लिए गेट पास के काउंटर भी बनाए गए है जहां से मदद प्राप्त की जा सकती है। उच्च न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट पर इस संबंध में व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

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