अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन मे दलाई लामा का अद्भुत संबोधन
March 19, 2017
नालंदा/नई दिल्ली, अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन के दूसरे दिन, एक नया इतिहास बनाते हुए दलाई लामा ने 60 वर्षों के अंतराल के बाद नालंदा जिले के राजगिर के पास नवा नालंदा महावीर का दौरा किया और बोधी वृक्ष का पौधा लगाया और नागराज्य संकाय भवन और साथ ही संत्राक्षिता छात्रावास का उद्घाटन किया। संस्कृति मंत्रालय तथा डीम्ड यूनिवर्सिटी नव नालंदा महावीर द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन का शनिवार को दूसरा दिन था।
इस अवसर पर अपने संबोधन के दौरान दलाई लामा ने कहा कि सभी धार्मिक पंरपराओं की सच्चाई एक है जो कभी बदल नहीं सकती। इससे देश के साथ-साथ विश्व को भी प्यार और करुणा के माध्यम से शांति प्राप्त करने में मदद मिलेगी जो बौद्ध धर्म का प्रमुख सूत्र है। उन्होंने कहा कि हमें न केवल बुद्ध और उनकी शिक्षाओं के बारे में पढ़ना चाहिए बल्कि इसका अपने जीवन में प्रयोग और अनुभव भी लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंसा की तरह करुणा भी मानव का एक बुनियादी स्वभाव है। उन्होंने भावनाओं पर जोर देते हुए कहा कि हमारे अंदर जो नकारात्मक भावनाएं पैदा होती हैं उससे हम पीडित और बीमार हो जाते हैं। इसलिए हमें विपश्यना योग के माध्यम से मन को शुद्ध करना चाहिए।