नई दिल्ली, केन्द्र ने अगले वित्त वर्ष से अधिकारियों के निष्पादन की रपटें ऑनलाइन दाखिल करने की अनुमति देने के लिए सेवा के नियमों में बदलाव किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इस संबंध में निर्देश दिए जाने के बाद यह कदम उठाया गया। इससे कर्मचारियों की गोपनीय रिपोर्ट जमा करने में विलंब रोकने में मदद मिलेगी क्योंकि अक्सर गोपनीय रपटों में विलंब कर्मचारियों की प्रोन्नति में बाधा बनती है। यह भी निर्णय किया गया है कि एक अधिकारी की वार्षिक निष्पादन आकलन रिपोर्ट, आकलन वर्ष के 31 दिसंबर तक दर्ज नहीं की जाती है तो एक वर्ष के लिए उस अधिकारी के कामकाज का आकलन उसके सकल रिकार्ड और स्वयं के आकलन के आधार पर किया जाएगा। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग डीओपीटी ने गृह मंत्रालय भारतीय पुलिस सेवा के लिए, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारतीय वन सेवा के लिए, लोक उपक्रम विभाग केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए और वित्तीय सेवा विभाग सरकारी बैंकों, वित्तीय और बीमा कंपनियों के लिए जैसे कैडर नियंत्रण प्राधिकरणों को इस संबंध में पत्र लिखा है। इस पत्र में डीओपीटी द्वारा पिछले साल जारी निर्देशों का हवाला दिया गया है जिसमें संबद्ध प्राधिकरणों को एपीएआर ऑनलाइन दाखिल करना सुनिश्चित करने को कहा गया था।