वाराणसी, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में श्री विद्या मठ के महंत स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले कथित शिवलिंग की पूजा अर्चना करने की अनुमति देने की मांग से जुड़ी अर्जी बुधवार को जिला अदालत से खारिज होने से कुछ समय पहले ही अपना धरना प्रदर्शन यह कहते हुए खत्म कर दिया कि अब वह इस मांग को लेकर देशव्यापी आंदोलन करेंगे।
वाराणसी के जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने मस्जिद परिसर में मिली शिवलिंग जैसी आकृति को ‘आदि विश्वेश्वर’ बताते हुए इसकी पूजा अर्चना करने की अनुमति देने की मांग से जुड़ी अविमुक्तेश्वरानंद की अर्जी को खारिज कर दिया। अदालत ने इस अर्जी को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह अदालत के अवकाश के दौरान तत्काल सुनवाई करने योग्य अर्जी नहीं है। इस बीच अविमुक्तेश्वरानंद ने चार दिन से चल रहा धरना भी समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर देशव्यापी
गौरतलब है कि पिछले महीने मई में वाराणसी स्थित सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफी सर्वे के दौरान वजूखाने के पास शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी। हिंदू पक्ष इसे शिवलिंग और मुस्लिम पक्ष वजूखाने का फव्वारा बता रहा है।
वीडियोग्राफी सर्वे के बाद अविमुक्तेश्वरानंद अपनी पूर्व घोषणा के मुताबिक चार जून को कथित शिवलिंग की पूजा अर्चना करने के लिये जैसे ही मठ से निकले, उसी वक्त पुलिस ने उन्हें कानून व्यवस्था का हवाला देकर ज्ञानवापी जाने से रोक दिया।
इसके विरोध में वह चार जून से ही अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गये और ज्ञानवापी में पूजा अर्चना की अनुमति देने की मांग करते हुए जिला अदालत में अर्जी दायर कर दी। धरना प्रदर्शन खत्म करने की घोषणा करते हुए उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वह अपने गुरू द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निर्देश पर धरना खत्म कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब वह ज्ञानवापी परिसर में मौजूद आदि विश्वेश्वर की पूजा अर्चना करने की अनुमति देने की मांग को लेकर देशव्यापी मुहिम चलायेंगे।