नई दिल्ली/लखनऊ, समाजवादी पार्टी से छह साल के लिए निकाले गये सांसद प्रो. रामगोपाल ने पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि वह असंवैधानिक बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कहा कि सुप्रीम कोर्ट और सीबीआई को मैनेज नहीं किया जा सकता। दिल्ली में मीडिया को दिये बयान में राम गोपाल ने मुलायम सिंह यादव के बयान को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि उन्हें इस तरह का बयान नहीं देना चाहिये। उन्होंने पूछा कि क्या अमर सिंह सुप्रीम कोर्ट और सीबीआई को मैनेज कर सकते हैं ? नेताजी (मुलायम) को इस तरह गलतफहमी में रखा गया है। गौरतलब है कि सोमवार को सपा की बैठक के दौरान मुलायम ने मुख्यमंत्री अखिलेश को फटकार लगाते हुए कहा था कि अमर सिंह को तुम गाली देते हो।
अमर सिंह ने मुझे आय से अधिक संपत्ति मामले में बचाया था। ऐसा पेंच फंसा था कि मुझे जेल जाने से कोई नहीं बचा सकता था। अमर सिंह ने ही मुझे बचाया था। अमर सिंह मेरे छोटे भाई हैं। मैं उनसे कभी अलग नहीं हो सकता। रामगोपाल ने अपने निष्कासन को भी असंवैधानिक बताया है। कहा कि मुझे पार्टी से गलत तरीके से हटाया गया। राष्ट्रीय महासचिव को निष्कासित करने का अधिकार केवल राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास है। प्रदेश अध्यक्ष किसी राष्ट्रीय पदाधिकारी को नहीं हटा सकता है। गौरतलब है कि दो दिन पहले सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल ने एक पत्र जारी कर कहा था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार प्रो. रामगोपाल को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किया जाता है। रामगोपाल ने कहा कि अगर पार्टी में कोई अनुशासन तोड़ता है तो इसके लिए अनुशासन कमेटी का गठन किया जाता है और फिर उसके अनुसार कार्रवाई की जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं राज्यसभा से इस्तीफा नहीं दूंगा। उन्होंने इस दौरान सपा के मालिकाना हक की भी बात की और कहा कि भारत निर्वाचन आयोग में पार्टी के रजिस्ट्रेशन के बारे में कोई नहीं जानता। बताया जाता है कि आयोग में सपा के रजिस्ट्रेशन में रामगोपाल के नाम ही पार्टी का चुनाव चिन्ह आवंटित है।
अमर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि खोटे सिक्के ने असली सिक्के को बाजार से बाहर कर दिया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को गलतफहमी है कि पैसे के बल पर चुनाव जीता जा सकता है। रामगोपाल ने फिर मुख्यमंत्री अखिलेश के पक्ष में बयान दिया। कहा कि अखिलेश जहां हैं, वहीं समाजवादी पार्टी है। उन्होंने कहा कि वह विधान सभा चुनाव के बाद भतीजे अखिलेश को एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाने को लेकर वह प्रतिबद्ध हैं। कहा कि इसके लिए अखिलेश को जहां भी मेरी जरूरत पड़ेगी मैं वहां जाऊंगा। उन्होंने यह भी कहा कि मुझ पर या मेरे परिवार के किसी सदस्य पर सीबीआई द्वारा कोई मामला दर्ज नहीं है। गौरतलब है कि शिवपाल ने आरोप लगाया था कि रामगोपाल के बेटे और बहू यादव सिंह मामले में फंसे हैं। ऐसे में सीबीआई से बचने के लिए रामगोपाल भाजपा से मिलकर सपा के खिलाफ साजिश कर रहे हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश में सपा के अंदर मचे सियासी घमासान में अब सुलह के संकेत दिखाई दे रहे हैं। सपा मुखिया के हस्तक्षेप के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा बर्खास्त किए गए शिवपाल यादव समेत चारों विधायकों को मंत्रिमंडल में वापस लिया जा सकता है।