मुंबई, विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर दमदार लिवाली से 81 हजार अंक के पार पहुंचने के बावजूद सप्ताह के अंतिम दिन हुई भारी मुनाफावसूली के दबाव में बीते सप्ताह मामूली बढ़त में रहे घरेलू शेयर बाजार पर अगले सप्ताह संसद में पेश होने वाले समाप्त वित्त वर्ष की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट और चालू वित्त वर्ष के पूर्ण बजट का असर रहेगा।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 85.31 अंक अर्थात 0.1 प्रतिशत बढ़कर सप्ताहांत पर 80604.65 अंक हो गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 28.75 अंक यानी 0.1 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 24530.90 अंक पर रहा।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों के विपरीत मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में जमकर मुनाफावसूली हुई। इससे मिडकैप 1248.23 अंक अर्थात 2.63 प्रतिशत का गोता लगाकर सप्ताहांत पर 46260.03 अंक और स्मॉलकैप 1531.45 अंक यानी 2.83 प्रतिशत की गिरावट लेकर 52481.80 अंक रह गया।
विश्लेषकों के अनुसार, अगले सप्ताह सोमवार को 31 मार्च को समाप्त हुए वित्त वर्ष 2023-24 की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी होने वाली है। इसके अगले दिन मंगलवार को संसद में वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश किया जाएगा। बजट में कारोबार और उद्योग जगत के विकास के लिए किए जाने वाले प्रस्ताव पर बाज़ार अपनी प्रतिक्रिया देगा।
इसके अलावा अगले सप्ताह एलटी, पावरग्रिड, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, टेक महिंद्रा, इंडसइंड बैंक, कैनरा बैंक, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले इंडिया, आईजीएल, अशोक लेलैंड, सिप्ला, फेडरल बैंक, इकरा, सुजलॉन, यूको बैंक और इंडिगो जैसी दिग्गज कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही का परिणाम जारी होने वाला है। अगले सप्ताह कंपनियों के तिमाही नतीजे बाजार की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।