सियोल, दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने कहा कि उत्तर कोरिया ने शिक्षा मामलों को देखने वाले एक उप-प्रधानमंत्री को मौत की सजा दे दी है तथा दो अन्य अधिकारियों को पुनर्शिक्षा के लिए ग्रामीण इलाकों में भेज दिया है।
अगर इसकी पुष्टि होती है तो वर्ष 2011 में उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के सत्ता में आने के बाद से मृत्युदंड का यह ताजा मामला है। उत्तर कोरिया में तानाशाही शासन है, जहां प्रेस पर सरकार का नियंत्रण है। इस वजह से बाहरी लोगों और यहां तक कि उत्तर कोरिया के नागरिकों के लिए भी यह जानना मुश्किल हो जाता है कि सरकार में क्या चल रहा है।
सियोल के एकीकरण मंत्रालय के प्रवक्ता जिओंग जून ही ने बताया कि उत्तर कोरिया के उप-प्रधानमंत्री किम योंग जिन को सजा ए मौत दे दी गई है। जिओंग ने कहा कि जिन शिक्षा मामलों के प्रभारी थे लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि कब और क्यों सोल को ऐसा लगा कि उन्हें मौत की सजा दे दी गई है। उन्होंने यह भी नहीं बताया कि उनके मंत्रालय को यह सूचना कैसे मिली।