लखनऊ, लोकसभा चुनाव के सातवें और आखिरी चरण में शनिवार को उत्तर प्रदेश में 11 जिलों की 13 सीटों पर शाम पांच बजे तक औसतन 54 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लिया था वहीं दुद्धी विधानसभा के उपचुनाव में तीन बजे तक 48.28 फीसदी वोट पड़ चुके थे।
राज्य निर्वाचन आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार शाम तीन बजे तक महराजगंज में 58.66 प्रतिशत,गोरखपुर में 52.53 प्रतिशत,कुशीनगर में 56.04 प्रतिशत,देवरिया में 54.13 प्रतिशत,बासगांव (सु) में 50.06 प्रतिशत,घोसी में 53.19 प्रतिशत,सलेमपुर में 50.21 प्रतिशत, बलिया में 50.56 प्रतिशत,गाजीपुर में 53.53 प्रतिशत,चंदौली में 58.19 प्रतिशत, वाराणसी में 54.58 प्रतिशत,मिर्जापुर में 55.83 प्रतिशत और राबर्टसगंज (सु) में 54.25 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लिया था।
मतदान के पहले चार घंटों में अधिसंख्य इलाकों में मतदाताओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया हालांकि धूप बढ़ने के साथ मतदान की रफ्तार में मामूली गिरावट दर्ज की गयी जबकि गर्मी और लू के कारण एक से तीन बजे के बीच कई मतदान केंद्रो पर सन्नाटा पसरा देखा गया। सुबह सात बजे मतदान शुरु होने से पहले ही कई मतदान केंद्रों के बाहर मतदाताओं की कतारें लग गयीं जिनमें मार्निंग वाकर्स की संख्या काफी ज्यादा थी। गर्मी से बचने के लिये मतदान केंद्रों पर छाया और पेयजल समेत तमाम अन्य इंतजाम किये गये हैं। दोपहर में चटक धूप और लू के चलते लोगबाग सुबह के समय मतदान की जल्दी में दिखायी पड़े।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मिर्जापुर में, अरविंद राजभर ने बलिया में और अफजाल अंसारी ने गाजीपुर में वोट डाला। इनके अलावा वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावक गणेश्वर शास्त्री द्रविण ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने गाजीपुर में वोट डाला जबकि हिमाचल प्रदेश के उपराज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने गोरखपुर में अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) नवदीप रिणवा ने बताया कि 12 संसदीय क्षेत्रों में मतदान शाम छह बजे तक चलेगा और उसके बाद भी कतार में लगे लोगों को वोट डालने का अधिकार होगा, जबकि रॉबर्ट्सगंज के आदिवासी बाहुल्य दो विधानसभा क्षेत्रों में मतदान सुबह सात बजे से शाम चार बजे के बीच होगा।
श्री रिणवा ने कहा कि सातवें चरण में 13 लोकसभा क्षेत्रों के लिए 134 पुरुष और 10 महिलाओं सहित कुल 144 उम्मीदवार मैदान में हैं। 13 लोकसभा सीटों में से 11 सीटें सामान्य श्रेणी की हैं जबकि दो सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। इस चरण की 13 लोकसभा सीटों में महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्ज़ापुर और रॉबर्ट्सगंज शामिल हैं। ये 13 सीटें महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, मऊ, बलिया, गाज़ीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्ज़ापुर और सोनभद्र जिलों में फैली हुई हैं।
उन्होने कहा कि सातवें चरण के 13 लोकसभा क्षेत्रों में 2.50 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें से 1.33 करोड़ पुरुष और 1.17 करोड़ महिला मतदाता शामिल हैं। सातवें चरण में कुल 14 हजार 183 मतदान केंद्र और 25 हजार 658 मतदेय स्थल बनाये गये हैं। मतदान पर कड़ी नजर रखने के लिए आयोग ने तीन विशेष पर्यवेक्षक, 13 सामान्य पर्यवेक्षक, आठ पुलिस पर्यवेक्षक और 14 व्यय पर्यवेक्षक भी तैनात किये गये हैं। इनके अलावा 1,861 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 243 जोनल मजिस्ट्रेट, 130 स्टेटिक मजिस्ट्रेट और 2,550 माइक्रो ऑब्जर्वर भी तैनात किए गए हैं।
चुनाव के इस चरण में देश दुनिया की निगाह वाराणसी सीट पर होगी जहां प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी के तौर पर किस्मत आजमा रहे हैं। वाराणसी को भाजपा का गढ़ माना जाता है। 2004 के चुनाव को छोड़ दिया जाये तो पार्टी यहां 1996 से अजेय रही है। पीएम मोदी यहां जीत की हैट्रिक बनाने के लिये उतरे हैं।
उन्होने 2019 में 63 फीसदी वोट पाकर शानदार जीत हासिल की थी। इस बार उनका मुकाबला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय और बसपा के अतहर जमाल लारी से है। मोदी ने 2019 और 2014 में अजय राय को भारी अंतर से हराया था। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी यहां श्री मोदी का सामना करने का साहस दिखाया था मगर उन्हे दूसरे स्थान पर रह कर संतोष करना पड़ा था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहनगर गोरखपुर में भोजपुरी फिल्मो की दो हस्तियों के बीच मुकाबला है। मौजूदा भाजपा सांसद रवींद्र किशन शुक्ला उर्फ रवि किशन का मुकाबला इंडिया समूह की काजल निषाद से है।
मिर्ज़ापुर सीट से अपना दल (एस) अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल की टक्कर समाजवादी पार्टी (सपा) के राजेंद्र एस बिंद और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के मनीष त्रिपाठी से है। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को 2019 में यहां काफी अंतर से जीत मिली थी।
ग़ाज़ीपुर में जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के करीबी पारसनाथ राय का मुकाबला माफिया मुख्तार अंसारी के भाई अफ़ज़ल अंसारी से है जाे सपा उम्मीदवार के तौर पर मैदान में है। 2019 में अफजाल अंसारी ने मनोज सिन्हा को 1.19 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। यह पहली बार होगा कि कोई चुनाव मुख्तार अंसारी की अनुपस्थिति में हो रहा है। मुख्तार की 23 मार्च को मृत्यु हो गई थी।
महाराजगंज में भाजपा प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी को कांग्रेस के वीरेंद्र चौधरी चुनौती दे रहे हैं वहीं बलिया में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे और राज्यसभा सांसद नीरज शेखर को सपा के सनातन पांडे और बसपा के लल्लन सिंह यादव से कड़ी टक्कर मिल रही है। पिछले चुनाव में यह सीट भाजपा के वीरेंद्र सिंह मस्त ने जीती थी, जिन्हें इस बार टिकट नहीं दिया गया है।