ईटाननगर,एक माह पूर्व मुख्यमंत्री पद से हटे अरुणाचल के पूर्व मुख्यमंत्री कलिखोपुल की संदिग्ध मौत हो गई है। उनका शव घर में ही लटका पाया गया। माना जा रहा है कि कलिखो ने आत्महत्या की है। 13 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कलिखोपुल को अरुणाचल के पूर्व मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था। मुख्यमंत्री न रहते हुए भी कलिखो सीएम हाउस में ही रह रहे थे। माना जा रहा है कि कलिखो मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद से ही डिप्रेशन में थे।
कलिखो को बीजेपी का सपोर्ट मिला था। उनके साथ कांग्रेस के 19 बागी, बीजेपी के 11 और दो निर्दलीय एमएलए शामिल थे। 13 जुलाई को में सुप्रीम कोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश में पिछली कांग्रेस सरकार बहाल करने का आदेश दिया। साथ ही, 15 दिसंबर से पहले की स्थिति कायम रखने को कहा। कोर्ट के फैसले के 11 घंटे के अंदर पुल के हाथ से सत्ता चली गई थी।
दिसंबर में, अरुणाचल में संवैधानिक संकट की शुरुआत तब हुई जब 60 सदस्यों वाली अरुणाचल विधानसभा में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के 47 विधायकों में से 21 (इनमें दो निर्दलीय) विधायकों ने अपनी ही पार्टी और मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत कर दी। मामला नबम तुकी और उनके कट्टर प्रतिद्वंदी कलिखो पुल के बीच था। नबाम तुकी सरकार से बगावत करके कांग्रेस नेताओं का एक धड़ा अलग हो गया।कलिखो पुल इसकी अगुवाई कर रहे थे। 19 फरवरी को कोलिखो पुल को गवर्नर ज्योति प्रसाद राजखोवा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी।
अंजॉ जिले से आने वाले कलिखो मुख्यमंत्री गेगांग अपांग की सरकार (2003-2007) में फाइनेंस मिनिस्टर रहे थे। पांच बच्चों के पिता पुल कई बार मंत्री पद संभाल चुके थे। 46 साल के कलिखो 1995 से लगातार पांच बार विधानसभा चुनावों में जीतते आ रहे थे।