नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि एनडीटीवी पर एक दिन का प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली चैनल की याचिका पर पांच दिसंबर को सुनवाई की जायेगी। सरकार ने पहले ही एक दिन का प्रतिबंध लगाने के अपने निर्णय पर अमल स्थगित कर दिया है। न्यायमूर्ति एके सिकरी और न्यायमूर्ति एनवी रमण की पीठ के समक्ष एनडीटीवी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता फली नरिमन और सरकार की ओर से अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी की दलीलें सुनने के बाद इस मामले को पांच दिसंबर के लिये सूचीबद्ध करने का आदेश दिया। इन दोनों का कहना था कि सरकार द्वारा एक दिन के प्रतिबंध के तहत नौ नवंबर को हिन्दी समाचार चैनल का प्रसारण बंद रखने का आदेश स्थगित कर दिया गया है, इसलिए फिलहाल सुनवाई की कोई जल्दी नहीं है। इसके बाद न्यायालय ने इस मामले को पांच दिसंबर के लिये सूचीबद्ध कर दिया।
अटार्नी जनरल ने कहा कि अंतर मंत्रालयी समिति इस मामले में एनडीटीवी का पक्ष भी सुनेगी। इस चैनल ने समिति से पठानकोठ आतंकवादी घटना के दौरान कथित रूप से प्रसारण मानकों का उल्लंघन करने के कारण प्रसारण पर प्रतिबंध के फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया है। इस चैनल ने केबल टेलीविजन नेटवर्क कानून की संवैधानिकता को चुनौती दी है। इसी कानून के तहत चैनल के खिलाफ कार्रवाई की गयी थी। एनडीटीवी के मालिक ने सोमवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की थी। इसके बाद ही सरकार ने अपना फैसला स्थगित रखने का निश्चय किया था। एनडीटीवी इंडिया का प्रसारण एक दिन बंद रखने के सरकार के आदेश के खिलाफ इस चैनल ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। एनडीटीवी ने अपनी वेबसाइट पर इन आरोपों का खंडन करते हुये कहा था कि दूसरे चैनलों और समाचार पत्रों ने भी इसी सूचना के बारे में खबरें दी थीं। चैनल के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के निर्णय की पत्रकारों और संपादकों के संगठनों ने तीव्र निन्दा की थी और इसकी तुलना 1970 के दशक में देश में लगाये गये आपातकाल से की थी।