नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 18वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष ओम बिरला को बधाई दी और विश्वास जताया कि उनके दूसरे कार्यकाल में संसद देश के नागरिकों को सपनों को पूरा करेगी और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नये नये कदमों से नये कीर्तिमान कायम होंगे।
ओम बिरला के लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने और उन्हें आसन पर आरूढ़ कराये जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा, “यह सदन का सौभाग्य है कि आप दूसरी बार इस आसन पर विराजमान हो रहे हैं। आपको मेरी और इस पूरे सदन की तरफ से बहुत शुभकामनाएं। अमृतकाल के इस महत्वपूर्ण कालखंड में दूसरी बार इस पद पर विराजमान होना बहुत बड़ा दायित्व आपको मिला है। हम सबका विश्वास है कि आप आने वाले 5 साल हम सबका मार्गदर्शन करेंगे।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृतकाल के इस महत्वपूर्ण कालखंड में दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष के रूप में एक बहुत बड़ा दायित्व आपको मिला है। 18वीं लोकसभा में स्पीकर का कार्यभार दूसरी बार आपने संभाला है, ये अपने आप में एक नया रिकॉर्ड बनते हुए हम देख रहे हैं। श्रीमान बलराम जाखड़ ऐसे पहले अध्यक्ष थे, जिन्हें 5 साल का कार्यकाल पूरा करके, फिर दोबारा अध्यक्ष बनने का अवसर मिला था। उनके बाद आप (श्री बिरला) हैं, जिन्हें 5 साल पूर्ण करने के बाद दोबारा इस पद पर आसीन होने का अवसर मिला है।
उन्होंने कहा, “हम सबको विश्वास है कि आप आने वाले 5 साल हम सब का मार्गदर्शन करेंगे और देश की आशाओं-अपेक्षाओं को पूर्ण करने के लिए ये सदन जो दायित्व निभाएगा, उसमें आपकी बहुत बड़ी भूमिका रहेगी। अध्यक्ष जी मुझे विश्वास है कि आप तो सफल होने ही वाले हैं। लेकिन आपकी अध्यक्षता में ये 18वीं लोकसभा भी सफलतापूर्वक देश के नागरिकों के सपनो को पूर्ण करेगी।” उन्होंने कहा, “हमारी ये संसद 140 करोड़ देशवासियों की आशा का केंद्र है। संसद की कार्यवाही, जवाबदेही और आचरण हमारे देशवासियों के मन में लोकतंत्र के प्रति निष्ठा को और अधिक मजबूत बनाते हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “अधिकतर अध्यक्ष दोबारा चुन कर नहीं आ पाते हैं। लेकिन आप दोबारा चुन कर आये हैं। आप जिस प्रकार से एक सांसद के रूप में कार्य करते हैं, वह भी जानने योग्य है और बहुत कुछ सीखने योग्य है। मुझे विश्वास है कि एक सांसद के रूप में आपकी कार्यशैली पहली बार चुने गये और युवा सांसदों को जरूर प्रेरणा देगी।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में, आपकी अध्यक्षता में, संसद ने कुछ ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। आपके नेतृत्व में ही हमने पुरानी से नई संसद में प्रवेश किया। संसद के डिजिटलीकरण में भी उनकी भूमिका रही। जी-20 देशों के पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन पी-20 शिखर सम्मेलन, आपके नेतृत्व में हुआ। यह देश के लिए बड़ी उपलब्धि है। जब भी 17वीं लोकसभा का जिक्र होगा, आपका नाम सदन की मार्गदर्शक रोशनी के रूप में चमकेगा। विभिन्न विधेयकों के माध्यम से, 17वीं लोकसभा ने विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण दिया, जम्मू और कश्मीर को शेष भारत के साथ एकीकृत किया, नए आपराधिक कानून लाए, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा की और सामाजिक और राष्ट्रीय कल्याण के लिए कई अन्य मील के पत्थर हासिल किए। इसे आने वाली पीढ़ियाँ आपकी विरासत के रूप में याद रखेंगी।