कानपुर, उत्तर प्रदेश में कानपुर के गोविंदनगर क्षेत्र में स्थित दुर्गा मंदिर में कथित रुप से दान पेटी पर कब्जे की लड़ाई में दर्शनार्थियों को मां दुर्गा के दर्शन पूजन से वंचित होना पड़ रहा है।
दबौली मेन रोड पर स्थित दुर्गा मंदिर में दानपेटी और कब्जे को लेकर कई दिनो से मंदिर की देखरेख करने वाले कैलाश पाल के पुत्र ललित और पुजारी अशोक कुमार दीक्षित के पुत्र निर्मल के बीच तकरार चल रही थी। गुरुवार दोपहर ललित अपने कुछ साथियों के साथ मंदिर आया और निर्मल के साथ उलझ गया। दोनो पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुयी।
इस बीच सूचना पर पहुंची पुलिस दोनो पक्षों को लेकर थाने चली गयी और मंदिर में ताला जड़ दिया गया जो शुक्रवार शाम तक जड़ा रहा था।
इस बारे में थानाध्यक्ष गोविंदनगर से संपर्क किया गया मगर प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी। उधर दुर्गा मां के मंदिर के गेट पर दो ताले जड़े होने से दर्शनार्थी परेशान दिखे। सुबह शाम मंदिर की साज सफाई करने वाली महिलायें आज मुख्य द्वार पर क्रंदन करती दिखीं वहीं सैकड़ों श्रद्धालु द्वार पर ही फूल माला चढ़ा कर वापस हो लिये।
दर्शनार्थियों का कहना है कि मंदिर पर आने वाले भारी भरकम चढ़ावा ही फसाद की जड़ है। जिला प्रशासन को इस बारे में अविलंब कार्रवाई करने की जरुरत है वरना यह फसाद कभी भी हिंसक रुप ले सकता है। उनकी मांग थी कि मंदिर का मुख्य द्वार अविलंब खोला जाये और मामले का न्यायसंगत निपटारा होने तक पुलिस प्रशासन की देख रेख में पूजा पाठ जारी रखा जाये।
उन्होने कहा कि क्षेत्र के कुछ बाहुबली और प्रभावशाली लोग भी मंदिर के खजाने पर कुदृष्टि रखे हुये हैं। इनमें से खुद को भाजपा का नेता कहने वाले एक शख्स ने पार्क में बने एक मंदिर को अधिग्रहित कर रखा है। इसी तरह केडीए की जमीन पर अवैध कब्जा करके बनाये गये संतोषी माता मंदिर के आसपास भी बिल्डिंग मैटेरियल का काम करने वाले दबंगों को कब्जा है। जिला और पुलिस प्रशासन अगर समय पर नहीं चेता तो यहां कभी भी बड़ी घटना हो सकती है।