किसानों की खुदकुशी के साल भर में 40 प्रतिशत मामले बढ़े
August 19, 2016
नई दिल्ली, देश में 2014 और 2015 में किसानों की खुदकुशी के मामले में 40 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, 2014 में 5650 और 2015 में 8000 से अधिक मामले सामने आए। एक अंग्रेजी समाचार पत्र में छपी खबर के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र में किसानों की खुदकुशी के मामले सबसे अधिक हैं, यहां कमी नहीं आ रही है। 2014 से 2015 के बीच राज्य में 18 फीसदी मामले बढ़े हैं।
किसानों की खुदकुशी की संख्या 2568 से बढ़कर 3030 हो गई। वहीं तेलंगाना 2015 में दूसरे स्थान पर रहा। वहां 898 से बढ़कर 1350 मामले सामने आए। लेकिन कर्नाटक में 2014 से 2015 के बीच चौंकाने वाले आंकड़े सामने आये। 2014 में 231 किसानों ने खुदकुशी की थी वहीं 2015 में 1300 से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली। यह राज्य सभी राज्यों में तीसरे स्थान पर आ गया। सूत्रों का कहना है कि 2015 में एमपी और छत्तीसगढ़ में 100 से अधिक मामले सामने आए। हालांकि कुछ राज्यों जैसे बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों से किसानों की खुदकुशी के मामले नहीं मिले। सूखे से प्रभावित होती फसल और बढ़ते कर्ज के बोझ से अन्नदाताओं की सांसें फूलने लगी हैं। 2014 और 2015 में मध्य भारत के राज्यों को सूखे का सामना करना पड़ा। सूत्रों का कहना है कि 2016 के शुरुआती चार महीने में इस क्षेत्र में किसानों की खुदकुशी के 400 से अधिक मामले सामने आए।