नई दिल्ली, कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा है कि उत्तरप्रदेश सरकार का कृषि रिण माफी निर्णय उनका अपना है और राष्ट्रीय स्तर पर कृषि रिण माफी का हमारा कोई प्रस्ताव नहीं है। सिंह ने एक साक्षात्कार में कहा, हमारा दृष्टिकोण किसानों को रियायती दरों पर, उचित मात्रा में और समय पर कृषि रिण उपलब्ध कराने का है ताकि किसान उसे कृषि में निवेश करने में सक्षम हों और उनकी उत्पादकता बढ़े।
उन्होंने कहा कि इस विचार के साथ हम न केवल वर्ष दर वर्ष कृषि रिण में बढ़ोतरी कर रहे हैं बल्कि हमारा फोकस छोटे और सीमांत किसानों और गैर पहुंच वाले राज्यों और क्षेत्रों पर भी रहा है।
इसमें पूरा भारत शामिल है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा, उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा कृषि रिण माफी उनका अपना निर्णय है और हमारा राष्ट्रीय स्तर पर ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। कृषि मंत्री से पूछा गया था कि उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कृषि रिण माफी की घोषणा की है। पंजाब और महाराष्ट्र ने भी ऐसी पहल के संकेत दिये हैं।
जबकि आरबीआई गर्वनर एवं मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने यह कहते हुए रिण माफी की आलोचना की है कि इससे 2 प्रतिशत का घाटा होगा। इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है। उन्होंने कहा कि हम छोटे और सीमांत किसानों को लक्ष्य करते हुए पैक्स का कम्प्यूटरीकरण शुरू कर रहे हैं। इससे हमें उनकी बेहतर निगरानी करने में मदद मिलेगी। सिंह ने कहा कि मोदी सरकार वर्ष 2022 में स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने पर किसानों की वास्तविक आय को दुगुना करने की दिशा में कार्य कर रही है।
किसानों को दो प्रकार से आय प्राप्त होती है। एक आय खेतों के माध्यम से और दूसरी आय गैर कृषि माध्यमों से होती है। 2013 के सर्वेक्षण के मुताबिक किसानों को 40 से 60 प्रतिशत तक की आय गैर कृषि संसाधनों से प्राप्त हुई। उन्होंने कहा, हम बागवानी, डेयरी, मत्स्यिकी, मधुमक्खी पालन, कृषि वानिकी के क्षेत्रों पर ध्यान देकर किसानों की आय बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
किसानों की आय दोगुनी करने के बारे में एक अंतर मंत्रालयी समिति का गठन किया गया है। यह समिति प्रगति दरों सहित ऐसी कार्यनीति की सिफारिश करेगी जिसे राज्यों द्वारा पंजीकृत किया जायेगा ताकि इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।