नई दिल्ली, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई राजनीतिक नेताओं ने क्यूबा के क्रांतिकारी नेता और पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो को भारत का करीबी मित्र बताते हुए उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। वामदलों ने भी कास्त्रो के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें भावभींनी श्रद्धांजलि अर्पित की है और उन्हें लाल सलाम किया है। राष्ट्रपति ने अपने शोक संदेश में कहा,भारत के मित्र रहे क्यूबा के क्रांतिकारी नेता और पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो के निधन पर मुझे गहरा दुख हुआ है। ईश्वर उनकी आत्म को शांति प्रदान करे। डॉ.अंसारी ने कहा कि कास्त्रो न केवल एक विश्व नायक थे बल्कि उन्होंने गुटनिरपेक्ष आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और वह भारत के अच्छे मित्र भी थे। उन्होंने कहा 2013 में हवाना में जब गुटनिरपेक्ष देशों की बैठक हुई थी तो उसमें मुझे उनसे मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। मोदी ने कास्त्रो को 20 वीं सदी की महान शख्सियतों में सबसे चर्चित व्यक्ति बताते हुए कहा कि उनके निधन से भारत ने अपना एक बेहतरीन दोस्त खो दिया है। दुख की इस घड़ी में भारत सरकार और भारत के लोग क्यूबा की सरकार और वहां की जनता के प्रति गहरी संवदेना व्यक्त करते हैं। उन्होंने इस मौके पर कास्त्रो की आत्मा की शांति की कामना भी की। गांधी ने अपने शोक संदेश में कहा कि कास्त्रो के निधन से हुई क्षति क्यूबा या विशेष विचारधारा तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह पूरे विश्व के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने कास्त्रो को भारत का करीबी मित्र बताते हुए कहा कि उन्होंने विश्व के विभिन्न मंचों पर भारत के उद्देश्यों का हमेशा समर्थन किया। उन्होंने गुट निरपेक्ष आंदोलन में कास्त्रो के योगदान को भी याद किया। अमेरिका की नाक के नीचे एक ताकतवर कम्युनिस्ट देश की नींव रख कर पांच दशक तक उसे खुली चुनौती देने वाले क्यूबा के क्रांतिकारी नेता श्री कास्त्रो का कल रात निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे।