चीनी मिल मजदूरों के आत्मदाह मामले की सीबीआई जांच हो: अग्निवेश
May 4, 2017
पटना, जाने माने समाजसेवी और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता स्वामी अग्निवेश ने बिहार के मोतिहारी चीनी मिल के दो मजदूरों के पिछले दिनों आत्मदाह किये जाने के मामले की केन्द्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने की मांग की है। अग्निवेश ने आज पूर्व सांसद एवं गांधीवादी नेता डॉ. रामजी सिंह, अवकाश प्राप्त अपर पुलिस महानिदेशक पीके. सिद्धार्थ और जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के प्रोफेसर शकील अहमद अता की मौजूदगी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मामले की गहराई तक जांच करने के लिए वह अपने इन सहयोगियों के साथ एक मई से मोतिहारी में रहकर पीड़ति मजदूरों के परिजनों के साथ ही गन्ना किसानों से भी मिलकर तथ्य का पता लगाया।
इस दौरान मोतिहारी चीनी मिल के मजदूरों की समस्याओं तथा उनपर चल रहे पुलिस एवं स्थानीय प्रशासन के आतंक पर जनसुनवाई भी की गयी। समाजसेवी अग्निवेश ने कहा कि जनसुवाई के दौरान यह सच्चाई खुल कर सामने आयी कि चीनी मिल के मजदूरों ने अपनी बकाया राशि के भुगतान के लिए स्थानीय प्रशासन से कई बार गुहार लगायी थी।
इसी दौरान 22 मार्च को चीनी मिल मजदूर यूनियन ने जिला प्रशासन को एक लिखित जानकारी दी थी कि नौ अप्रैल के बाद मजदूर किसी भी दिन आत्मदाह कर सकते हैं। श्री अग्निवेश ने कहा कि मजदूर यूनियन की ओर से स्थानीय प्रशासन को दी गयी जानकारी के बाद भी ऐहतियात के तौर पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी। इसके बाद मजदूर चीनी मिल के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने नौ अप्रैल को धरना पर बैठ गये। उन्होंने कहा कि इसके अगले दिन 10 अप्रैल को मजदूर नरेश श्रीवास्तव और सूरज बैठा ने आत्मदाह कर ली।
समाजसेवी अग्निवेश ने कहा कि आत्मदाह करने वाले दोनों मजदूर गंभीर रूप से झुलस गये जिनकी इलाज के दौरान मौत हो गयी थी। प्रशासन और पुलिस ने आत्मदाह का अल्टीमेटम दिये जाने के बावजूद धरना स्थल पर दंडाधिकारी और पुलिस की कोई व्यवस्था नहीं की थी। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस और प्रशासन सतर्क रहता तो इस तरह की घटना को रोका जा सकता था।
अग्निवेश ने कहा कि जनसुनवाई से यह पता चला है कि मोतिहारी में भूमाफियों का मजबूत पकड़ है और अधिकारी तथा राजनीतिज्ञ का गहरा गठजोड़ है। चीनी मिल की करोड़ों की 14 सौ एकड़ जमीन एक बड़े उद्योगपति की है। उन्होंने कहा कि चीनी मिल मालिक को इस मामले में गिरफ्तार कर उनकी संपत्ति को जब्त कर मजदूरों के साथ ही गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान किया जाना चाहिए।
समाजसेवी अग्निवेश ने कहा कि इस मामले की बिहार सरकार विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच करा रही है, लेकिन इससे सच्चाई का खुलासा नहीं हो सकेगा क्योंकि इसमें भूमाफियाओं के साथ ही बड़े-बड़े लोगों का हाथ है। उन्होंने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। श्री अग्निवेश ने कहा कि पिछले 132 माह से वेतन नहीं मिलने के कारण चीनी मिल मजदूरों के परिवार दर-दर की ठोकरे खाने को विवश हैं। इसी तरह गन्ना किसानों का भी मिल मालिक पर करोड़ों रुपये का बकाया है।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की कर्मभूमि रहे चंपारण की इस धरती पर मिल मजदूरों से लंबे समय तक बंधुआ मजदूरी करायी गयी। समाजसेवी अग्निवेश ने कहा कि इस संबंध में वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर सच्चाई से अवगत कराना चाह रहे थे, लेकिन उनकी व्यस्तता के कारण वह नहीं मिल सके। हालांकि उन्होंने कहा कि जनसुनवाई की रिपोर्ट को उन्होंने मुख्यमंत्री श्री कुमार को ई-मेल के माध्यम से अवगत करा दिया है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को आगे तक ले जायेंगे जिससे कि मजदूरों और गन्ना किसानों को न्याय मिल सके।