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जयललिता ने एमजी रामचंद्रन के निधन के बाद पार्टी को एकजुट किया था- शशिकला

sashikalaचेन्नई,  दिवंगत नेता जे जयललिता के 69वें जन्मदिन के एक दिन पहले अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला ने आज कहा कि वह अपनी दोस्त जयललिता की अनुपस्थिति में अकेला महसूस कर रही हैं। आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल की सजा काट रहीं शशिकला ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को दिये गये अपने एक संदेश में जनता की पूरी तरह से सेवा करने और जयललिता की प्रसिद्धि को बनाये रखने का आग्रह किया।

शशिकला ने कहा कि प्रत्येक वर्ष जयललिता का जन्मदिन उत्साह के साथ मनाया जाता था लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह वर्ष इतना चुनौतीपूर्ण होगा। उन्होंने कहा, यह सोचकर मुझे बहुत दुख होता है कि अम्मा हमारे साथ नहीं हैं। पिछले 33 वर्षों से उनका जन्मदिन उनके साथ मनाने के बाद इस वर्ष मैं उनकी यादों के साथ अकेला महसूस कर रही हूं। मैं उनके बारे में सोच रही हूं। उन्होंने कहा कि जयललिता एक प्रसिद्ध नेता थीं और जो कोई भी उनसे एक बार मिल लेता वह उन्हें जिंदगी भर याद रखता था।

शशिकला ने याद करते हुये कहा कि जयललिता ने वर्ष 1987 में पार्टी के संस्थापक एमजी रामचंद्रन के निधन के बाद पार्टी को एकजुट किया था और बाद में विभिन्न चुनौतियों का सामने करते हुये चतुराई के साथ पार्टी को संभाला। शशिकला ने कहा कि दिवंगता नेता को उनके प्रेम, करणा और कड़ी मेहनत के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा, चलिए, अम्मा के 69वें जन्मदिन को उनकी प्रसिद्धि को बनाये रखने के इरादे के साथ और अम्मा की सरकार द्वारा लोगों की अधिक सेवा करने की इच्छा के साथ मनाया जाये। उन्होंने गरीबों के कल्याण का काम करने और ऐसा कर दिवंगत मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित करने का आह्वान किया। शशिकला ने कहा, अतीत में, हमने अम्मा के साथ जन्मदिन मनाया था। इस वर्ष उनकी यादों को संजोकर हमें सरकार के माध्यम से लोगों की अच्छी तरह से सेवा करनी चाहिए। उन्होंने कहा जयललिता चुनौतियों के आगे कभी नहीं झुकीं और उन्होंने इन सब का सामना धैर्य और कौशल के साथ किया और इस तरह से उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए एक उदाहरण स्थापित किया।

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