कॉफी पीने से सेहत पर होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बहुत कुछ बताया जाता है। कई बार शंका भी हो जाती है कि कॉफी पिएं या नहीं? पर हाल में आई कुछ रिपोर्ट कॉफी के बारे में कई आशंकाएं कम करती हैं, बता रही हैं हम… वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर ने हाल में बताया है कि कॉफी कैंसरकारी नहीं है। इसके पीने से मूत्राशय का कैंसर नहीं होता, इस घोषणा के साथ संस्थान ने इसे संभावित कैंसरकारी तत्वों की सूची से हटा लिया है। यूं भी कॉफी के फायदे उससे होने वाले नुकसान की तुलना में कहीं अधिक हैं। पिछले दो दशक में कॉफी पर करीब 20000 शोध हुए हैं, जिनके अनुसार कॉफी पीना कुछ रोगों की आशंका कम कर देता है, जिसमें मधुमेह, हृदय रोग, लिवर सिरोसिस व पार्किंसन मुख्य हैं। कॉफी पीने के कई लाभ हैं… लिवर अधिक वसायुक्त भोजन और एल्कोहल लेने वालों के लिए कॉफी पीना लिवर सिरोसिस के खतरे को कम करता है। यह तथ्य करीब 4 लाख 43 हजार लोगों पर हुए नौ शोधों से मिली सूचनाओं के विश्लेषण से सामने आया है। एलिमेंट्री फार्माकोलॉजी एंड थेराप्युटिक्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार अगर आप कॉफी नहीं पीते हैं तो हर रोज एक कप कॉफी पीना सिरोसिस के जोखिम को 22 फीसदी तक कम करता है। दो कप कॉफी से 43 फीसदी तक, तीन कप कॉफी से 57 फीसदी तक ये जोखिम कम हो जाता है। मधुमेह कॉफी पीना ब्लड शुगर के स्तर को काबू में रखते हुए मधुमेह की आशंका को कम करता है। यह स्टडी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा करवाई गई है। कर्नाटक में हुए इस अध्ययन में पाया गया है कि नियमित कॉफी पीने वालों की तुलना में कॉफी नहीं पीने वालों में ग्लूकोज व मेटाबॉलिज्म संबंधी अनियमितताएं अधिक होती हैं। ये तथ्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए शोधों के नतीजों की भी पुष्टि करते हैं, जिनके अनुसार एक से तीन कप कॉफी हर रोज पीना मधुमेह के जोखिम को कम करता है। हृदय रोग सर्कुलेशन नामक जर्नल में छपे अध्ययन के अनुसार हर रोज तीन से पांच कप कॉफी पीना विभिन्न कारणों से होने वाली असमय मृत्यु की आशंका कम करता है। 93 हजार महिलाएं व 45 हजार पुरुषों से जुड़े तीन अध्ययनों से एकत्र सूचनाओं के आधार पर हार्वर्ड के शोधकर्ताओं ने पाया कि कॉफी पीना डायबिटीज, न्यूरोलॉजी, हृदय समस्याओं व आत्महत्या की आशंका कम करता है। दिमाग की सक्रियता कॉफी में मौजूद कैफीन मस्तिष्क को कई स्तर पर सक्रिय करता है। नियमित कुछ कप पीना रोजमर्रा के कामों जैसे ड्राइविंग व कार्यस्थल पर सजगता, एकाग्रता व प्रदर्शन को बेहतर बनाता है। ऐसे लोग जो हर रोज तीन से चार कप कॉफी पीते हैं, उनके काम में कम गलतियां देखने को मिलती है। नियमित कैफीनयुक्त कॉफी पीना पार्किन्सन के जोखिम को कम करता है। कितना लेना सही? कॉफी बीन्स में कई पोषक तत्व होते हैं, पर फायदा कैफीन की अधिकता में है। 250 एमएल की एक कप कॉफी में 85 एमजी कैफीन होता है, जो कि इतनी ही मात्रा के चाय च कोला ड्रिंक्स पीने से तीन गुणा अधिक है। पर हर चीज की तरह कैफीन के अपने नुकसान भी हैं। यह अस्थायी रूप से प्रेरक का काम करता है, जिससे हृदय गति बढ़ जाती है, बेचैनी होना और हृदय गति तेज चलने संबंधी लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं। भोजन के साथ कॉफी लेना कैल्शियम व आयरन ग्रहण करने की क्षमता को घटा देता है और शरीर में पानी की कमी हो जाती है। शरीर के लिए कितनी कैफीन की मात्रा सुरक्षित है? किसी व्यक्ति को प्रतिदिन में 300 एमजी से अधिक कैफीन की मात्रा नहीं लेनी चाहिए यानी तीन से चार कप। द अमेरिकन एकैडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार बच्चे व गर्भवती महिलाओं के लिए यह मात्रा 100 एमजी तक सीमित है। एनर्जी व कोला ड्रिंक्स के अलावा कैफीन चाय, चॉकलेट, दवाओं और सर्दी की दवाओं में होता है।