नई दिल्ली, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली बुधवार को वित्त वर्ष 2017-18 का आम बजट पेश किया हैं। इसके प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं: –
नोटबंदी का असर अगले वर्ष तक नहीं रहने की उम्मीद।
-वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), नोटबंदी, जनधन-आधार-मोबाइल (जेएएम) का लोगों के जीवन पर प्रभावशाली असर होगा।
-नोटबंदी का उद्देश्य देश की जीडीपी को बढ़ाना है।
-महात्मा गांधी के वक्तव्य सही दिशा में उठाया गया कदम कभी विफल नहीं होता, को याद किया।
-मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में तीन प्रमुख चुनौतियां: अमेरिकी फेडरल रिजर्व का मौद्रिक रुख, कमोडिटीज विशेष रूप से कच्चे तेल की कीमत और वैश्वीकरण के खिलाफ दुनियाभर में उभरता जनमत।
-हम स्वविवेक से निर्देशित प्रशासन से नीति आधारित प्रशासन की ओर बढ़ चुके हैं।
-हमारी सरकार अपार जनआकांक्षाओं के बीच चुनी गई।
-जीएसटी सहित सभी मुद्दों का समाधान बातचीत के जरिये किए जाने की उम्मीद।
-हम अनौपचारिक से औपचारिक अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं और सरकार पर जनता के धन के संरक्षक के तौर पर भरोसा बढ़ा है।
-सरकार आर्थिक वृद्धि का लाभ किसानों और कमजोर वर्गों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध।
-दोहरे अंक की मुद्रास्फीति नियंत्रण में, सुस्त वृद्धि तेज वृद्धि में बदली, कालेधन के खिलाफ लड़ाई छेड़ी।
-बैंकों में बढ़ी जमा से ब्याज दरों को नीचे लाने में मदद मिलेगी।
-बजट में ग्रामीण इलाकों, गरीबी उन्मूलन व बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने पर जोर।
-रेल बजट को आम बजट में मिलाना ऐतिहासिक कदम। इससे रेलवे सरकार की राजकोषीय नीति के केंद्र में आ गई है।
-बजट में कृषि रिण के लिए 10 लाख करोड़ रूपए का लक्ष्य।
-किसानों की आय दोगुनी करने, युवाओं को रोजगार के लिए सक्षम बनाने और डिजिटल अर्थव्यवस्था सहित बजट में 10 बिंदुओं पर जोर।