गाजीपुर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की डबल इंजन की सरकार युवाओं की तरक्की के लिए समर्पित है।
मुख्यमंत्री योगी ने शुक्रवार को यहां पीजी कॉलेज के संस्थापक एवं प्रख्यात शिक्षाविद बाबू राजेश्वर प्रसाद सिंह की मूर्ति का अनावरण करते हुए कहा कि आज विश्व में भारत की छवि सबसे युवा राष्ट्र की है। देश की आबादी में 56 फ़ीसदी भागीदारी युवाओं की है। पूरी दुनिया में भारत के युवा विलक्षण प्रतिभा के धनी हैं। जिनके विकास के लिए सतत प्रयत्नशील यह सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से युवाओं के विकास के लिए नित नए प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी ने युवाओं से आह्वान किया कि आधुनिक शिक्षा के साथ ही व्यवहारिक शिक्षा भी आवश्यक है। इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से सबको उपलब्ध कराया जायेगा। इस दौरान योगी ने पीजी कॉलेज मैदान में विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित दिये।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा, “गाजीपुर में शिक्षा की अलख जगाने वाले बाबू राजेश्वर प्रसाद सिंह की मूर्ति का अनावरण करना मेरे जीवन का सौभाग्य है। आज मैं प्रतिमा अनावरण करते हुए अभिभूत हूं। शिक्षा जगत में मालवीय जी के नाम से प्रख्यात बाबू राजेश्वर प्रसाद सिंह को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”
उन्होंने बताया कि जब 1956-57 मे गोरखपुर विश्वविद्यालय की 02 कालेजों के साथ स्थापना की गई। जिसमें एक यह पीजी कॉलेज भी शामिल है। योगी ने कहा कि बाबू जी उस समय शिक्षा नीतियों पर अभिनव प्रयोग करते रहे। वह बताते थे कि उनके कॉलेज में यह व्यवस्था सुदृढ़ हो गई है, आप भी अपने कालेज में इसे लागू करें।
उन्होंने कहाकि गाजीपुर का गौरवशाली अतीत रहा है। महर्षि विश्वामित्र की कर्मस्थली से जुड़ा गाजीपुर, भारत का इतिहास बनाने वाला जनपद है। राक्षसों का समूल नाश करने में महर्षि विश्वामित्र के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। अगर महर्षि विश्वामित्र नहीं होते तो आर्यावर्त की दो ताकतें एक साथ नहीं हो पाती। उन्होंने कहा कि सीता स्वयंवर के समय जनक की सभा में अयोध्या को निमंत्रण तक नहीं था, लेकिन गाजीपुर के महर्षि विश्वामित्र ने राम को जनकपुर पहुंचाकर सीता राम का मिलन कराया। जो राक्षसों के समूल नाश का सशक्त माध्यम बने और राम राज्य की स्थापना भी संभव हो सकी।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत दिनों गाजीपुर में मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण किया था। इसका नाम महर्षि विश्वामित्र के नाम पर रखा गया। वहीं पड़ोस के जनपद आजमगढ़ में महाराज सुहेलदेव विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। उक्त दोनों संस्थानों की स्थापना और उनके नाम महापुरुषों पर होना, विरासत का सम्मान करना है। उन्होंने कहा कि भारत को अगर विकसित राष्ट्र बनना है तो विरासत का सम्मान करना पड़ेगा, पूर्वजों को सम्मान देना पड़ेगा। इस अवसर पर सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त और विधान परिषद सदस्य विशाल सिंह चंचल सहित अन्य नेता एवं आला अधिकारी उपस्थित थे।