इलाहाबाद/नोएडा, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नोएडा के बहुचर्चित दादरी मामले में आरोपी के तौर पर नामजद दो व्यक्तियों को जमानत दे दी है। एक साल से अधिक पुराने इस मामले में गोहत्या के संदेह में एक उम्रदराज व्यक्ति की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। न्यायमूर्ति उमेश चन्द्र श्रीवास्तव की एक एकल पीठ ने कल अरण और पुनीत को जमानत दे दी। ये दोनों ही व्यक्ति गौतमबुद्धनगर जिले की दादरी तहसील में बिसड़ा गांव के निवासी मोहम्मद अखलाक की 2015 में हत्या के मामले में ग्रेटर नोएडा की एक जेल में बंद थे।
गोमांस होने को लेकर 28 सितंबर 2015 की रात अखलाक के घर में घुसकर उग्र भीड़ उसके मकान में घुस गई और उसको पीट-पीटकर मार डाला और उसके बेटे दानिश को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इस हमले के संबंध में एक स्थानीय भाजपा नेता के बेटे सहित एक दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। अखलाक के परिवार ने दावा किया था कि उनके रेफ्रिजरेटर से बरामद मांस मटन था और उन्होंने इस आरोप से इनकार किया था कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में गो हत्या पर प्रतिबंध का उल्लंघन कर बकरीद पर गोमांस खाया था। हालांकि, अखलाक की हत्या के संबंध में मामले की सुनवाई के दौरान एक फारेंसिक लैब में की गई जांच की रिपोर्ट में कहा गया कि वह मांस गाय के बछड़े का था। इसके बाद, ग्रेटर नोएडा की एक अदालत के आदेश पर पिछले साल अखलाक और उसके परिजनों के खिलाफ उत्तर प्रदेश गोहत्या कानून के उल्लंघन के लिए एफआईआर दर्ज किया गया।