देखिए कैसे फर्जी विज्ञापन के शिकार हुए उपराष्ट्रपति….
December 29, 2017
नई दिल्ली, देशभर में अक्सर फर्जी कंपनियों के विज्ञापन के झांसे में आकर कई लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं. वहीं अगर देश के उपराष्ट्रपति भी ऐसे ही फर्जीवाड़े का शिकार हो जाए तो क्या कहेंगे. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अपने साथ हुए एक फर्जीवाड़े के वाकये का जिक्र किया है. नायडू ने अपनी गाथा खुद राज्यसभा में सांसदों को बताई.
इस मामले में उन्होंने केंद्रीय उपभोक्ता एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान को तत्काल कदम उठाने को कहा है. दरअसल सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने आज भ्रामक विज्ञापनों का मुद्दा उठाते हुए मंत्री से मामले में सफाई मांगी तो वेंकैया ने मंत्री के बोलने से पूर्व अपना एक वाक्या सुनाया. वजन कम करने वाले एक भ्रामक विज्ञापन के खेल से परदा हटाते हुए नायडू ने कहा कि वैसे तो उनका वजन कम हो गया है.
मगर एक दिन उन्होंने विज्ञापन देखा, जिसमें 28 दिन में वजन कम होने का दावा किया गया था. कैपसूल खाने से वजन कम करने का विज्ञापन था. उन्होंने उक्त विज्ञापन की साईट पर जाकर उसके खरीद की प्रक्रिया शुरू की. तो पहले था कि 150 रूपया देकर कैपसूल प्राप्त की जा सकती है. जब उन्होंने 150 रुपए का पेमेंट कर दिया तो संदेश आया कि 1000 रुपए जमा करने पर ज्यादा प्रभावी दवा मिलेगी.
वेंकैया नायडू ने बताया कि विज्ञापन की तह तक जाने के लिए उन्होंने अपने स्टाफ से 1000 रुपए जमा करवाया, मगर दवा नहीं आई. बतौर नायडू उन्होंने इस भ्रामक विज्ञापन की शिकायत पत्र के जरिए उपभोक्ता एवं संरक्षण मंत्रालय को भेजी. मंत्रालय की ओर से जवाब आया कि यह कंपनी भारत से नहीं बल्कि अमेरिका से संचालित होती है, इसलिए इस पर हाथ बंधे हैं. अपना वृतांत सुनाने के बाद नायडू ने विभाग के मंत्री रामविलास पासवान से कहा कि वे इस मामले में कड़ा कदम उठाएं. ताकि आम उपभोक्ता के हित को संरक्षित किया जा सके.