पटना, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कोई जरूरी नहीं है कि जिसके पास सत्ता हो, उसमें सच्चाई हो।। कांग्रेस उपाध्यक्ष चंपारण सत्याग्रह की 100वीं सालगिरह के मौके पर पटना में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने मोदी सरकार पर देश में नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि चाहे सत्ता में कोई भी हो, अगर देश में नफरत फैलाने की कोशिश करेगा तो जनता मानने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत ने वर्ष 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ पहली लड़ाई लड़ी, इस लड़ाई में हिंदू, मुसलमान, सिख सभी एक साथ लड़े। पहले यह सोच थी कि आजादी की जरुरत नहीं है, लोग सोचते थे कि हम अंग्रेजों के साथ अपना जीवन गुजार सकते हैं। लेकिन जलियांवाला बाग जैसी सच्चाई को गांधी जी ने देखा तो उन्होंने अपना मन बदला। जलियांवाला बाग में न हिंदू मरे थे, न मुसलमान न सिख वहां हिंदुस्तानी मरे थे। राहुल ने कहा कि हिंदू होने का मतलब सच्चाई की रक्षा होने का मतलब है। इस धर्म में और कुछ नहीं हैं, हमारी हर किताब में लिखा है कि हर व्यक्ति का आदर करो, जहां अन्याय दिखे उसके खिलाफ खड़े हो जाओ। गांधी जी ने सिर्फ इस विचारधारा को आगे बढ़ाया।