लंदन, क्रिकेट के नये नियमों के अनुसार व्यवहार से जुड़े गंभीर उल्लंघन के मामलों में अंपायरों को खिलाड़ियों को मैदान से बाहर भेजने का अधिकार होगा। एमसीसी ने इसकी पुष्टि की है और यह नियम एक अक्तूबर 2017 से प्रभावी होंगे। एमसीसी ने बल्ले के आकार को लेकर भी सीमाएं तय की है और साथ ही रन आउट के नियम में भी बदलाव किया गया है जिससे कि उस बल्लेबाज को बचाव किया जा सके जिसका बल्ला या शरीर का अंग क्रीज पार करने के बाद हवा में उठ गया हो। एमसीसी क्रिकेट समिति की पिछले साल दिसंबर में हुई बैठक के दौरान हुई सिफारिशों के बाद ये नये नियम बनाए गए हैं।
एमसीसी के क्रिकेट प्रमुख जान स्टीफनसन ने कहा, हमें लगता है कि समय आ गया है कि खिलाड़ियों के खराब बर्ताव के लिए सजा लागू की जाए और शोध बताते हैं कि जमीनी स्तर पर उभरते हुए अंपायर इसके कारण खेल से दूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा, उम्मीद करते हैं कि ये सजाएं अनुशासनात्मक मामलों से निपटने के लिए उन्हें अधिक आत्मविश्वास देंगी और साथ ही खिलाड़ियों को ऐसा करने से रोकने का काम करेंगी। रन आउट के संदर्भ में एमसीसी ने बयान में कहा, अगर बल्ला या बल्लेबाज का कोई भी अंग क्रीज को पार करके जमीन को छूता है और विकेट गिराए जाने के दौरान अगर यह संपर्क टूट जाता है तो बल्लेबाज को रन आउट होने से बचाव मिलेगा अगर वह दौड़ या कूद लगा रहादृरही है और विकेट की ओर जा रहे हैं।
नयी संहिता के अनुसार अंपायर द्वारा दी जाने वाली सजाएं इस प्रकार होंगीः लेवल एकः इसके तहत अत्यधिक अपील और अंपायर के फैसले पर आपत्ति जताना शामिल है। पहले आधिकारिक चेतावनी दी जाएगी और फिर लेवल एक के दूसरे अपराध पर विरोधी टीम को पांच पेनल्टी रन दिए जाएंगे। लेवल दो- खिलाड़ी की तरफ गेंद फेंकना या खेल के दौरान जानबूझकर विरोधी से शारीरिक संपर्क। इसके तहत विरोधी टीम को तुरंत पांच पेनल्टी रन दिए जाएंगे।
लेवल तीन- अंपायर को डराना या किसी अन्य खिलाड़ी, टीम अधिकारी या दर्शक को मारने की धमकी देना। इसके तहत विरोधी टीम को पांच पेनल्टी रन मिलेंगे और दोषी खिलाड़ियों को मैच के प्रारूप के आधार पर तयशुदा ओवरों के लिए मैदान से बाहर कर दिया जाएगा। लेवल चार- अंपायर को धमकाना या मैदान पर कोई भी हिंसक काम करना। पांच पेनल्टी रन और बाकी मैच के लिए दोषी खिलाड़ी मैच से बाहर। अगर अपराध के समय खिलाड़ी बल्लेबाजी कर रहा होगा तो उसे रिटायर्ड आउट माना जाएगा।