लखनऊ, हाल में संपन्न ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआईएस-23) को उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को शिखर पर ले जाने में सहायक बताते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सभी मंत्रियों को अब अपने सम्बंधित विभागों को मिले औद्योगिक निवेश प्रस्तावों की समीक्षा करने की जरूरत है ताकि अगले छह महीने में निवेश प्रस्तावों को धरातल में उतारते हुये ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन किया जा सके।
मुख्यमंत्री योगी ने मंगलवार को यहां मंत्रिमंडल की बैठक में कहा कि 33 लाख 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक के औद्योगिक निवेश वाली यह इन्वेस्टर्स समिट ने देश में एक रिकॉर्ड बनाया है। बुंदेलखंड और पूर्वांचल जैसे विकास में पिछड़े क्षेत्रों में रिकॉर्ड औद्योगिक निवेश आया है। समिट की यह सफलता उत्तर प्रदेश को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का मार्ग प्रशस्त करने वाली होगी।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि विधानमंडल के बजट सत्र से पहले सभी मंत्री अपने प्रभार के जिलो में जायें और जनप्रतिनिधियों के साथ उद्यमियों, व्यापारी वर्ग, युवाओं से मुलाकात कर उत्तर प्रदेश के आर्थिक उत्थान के बारे में बतायें। लोगोंको बताया जाए कि यह समिट किस प्रकार उत्तर प्रदेश को देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनाने वाला है। युवाओं के लिए सृजित हो रहे नौकरी-रोजगार के मौके के बारे में उन्हें जानकारी दें।
उन्होने कहा कि सभी मंत्री अपने सम्बंधित विभागों को प्राप्त औद्योगिक निवेश प्रस्तावों की तत्काल समीक्षा करें। हमें अगले छह माह की अवधि में एक बड़ी संख्या में निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारते हुए ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन करना है। औद्योगिक विकास विभाग, इन्वेस्ट यूपी से आवश्यकतानुसार सहयोग लें।
उन्होने कहा कि जीआईएस-23 और जी-20 के सफल आयोजन में मंत्रियों और प्रशासनिक अधिकारियों की बड़ी भूमिका रही। एक बेहतर टीमवर्क के साथ सभी ने काम किया। स्थानीय जनता ने सकारात्मक भाव के साथ सहयोग किया। यह दोनों कार्यक्रम अनुशासन और सुशासन के प्रतिबिंब बने हैं। इन सफल आयोजनों ने पूरी दुनिया में एक नए उत्तर प्रदेश को पहचान दी है। इसके लिए पूरा प्रदेश बधाई का पात्र है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कैबिनेट की बैठकें जनहित की नीतियों का सबसे महत्वपूर्ण और औपचारिक माध्यम हैं। आने वाले दिनों में कैबिनेट की बैठकें राजधानी लखनऊ के अलावा अन्य महत्वपूर्ण नगरों में भी आयोजित की जाएंगी।