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नीट परीक्षार्थी से ब्रा हटाने को कहना दुर्भाग्यपूर्ण: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड

नई दिल्ली, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने केरल में नीट अभ्यर्थी को परीक्षा केंद्र पर अंतःवस्त्र वस्त्र हटाने को कहे जाने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए आज कहा कि यह अति उत्साह का परिणाम है। सीबीएसई राष्ट्रीय योग्यता प्रवेश परीक्षा (नीट) का संचालन एमबीबीएस तथा बीडीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए करता है।

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 बोर्ड ने परिधान संबंधी कड़े नियम का बचाव करते हुए कहा कि यह इस बेहद अह्म परीक्षा की गरिमा को बनाए रखने का उपाय है। सीबीएसई की प्रवक्ता रमा शर्मा ने कहा, कन्नूर में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और यह प्रक्रिया में शामिल कुछ लोगों के जरूरत से ज्यादा उत्साह का परिणाम है। अनजाने में हुई इस गलती से छात्रों को जो परेशानी उठानी पड़ी उसके लिए बोर्ड को खेद है।

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 उन्होंने कहा, वेबसाइट, सूचना बुलेटिन, प्रवेश पत्रों पर छपे निर्देश के अलावा इमेल, एसएमएस के जरिए किए गए संवाद के जरिए अभ्यर्थियों को बार-बार बताया गया था कि इस बेहद अह्म परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों पर प्रवेश से पहले क्या कदम उठाने हैं।

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 प्रवक्ता ने कहा, इस प्रतिष्ठित परीक्षा की गरिमा को बनाए रखने के लिए और ईमानदार तथा नेकनियत वाले छात्रों तथा अभिभावकों के साथ न्याय करने के लिए सीबीएसई ने निष्पक्ष परीक्षा कराने के लिए कोई प्रयास बाकी नहीं छोड़ा।

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 निर्देशों की जानकारी नहीं होने के कारण रविवार को देशभर में हुई नीट परीक्षा में कई छात्रों को विचित्र परिस्थिति का सामना करना पड़ा था। निरीक्षकों ने अभ्यर्थियों से अंतःवस्त्र हटाने, पूरी बाहों के टॉप, शर्ट की बाजू काटने और डेनिम (जीन्स) बदलने को कहा था।

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 कन्नूर की 18 वर्षीय एक लड़की ने आरोप लगाया कि प्रवेश परीक्षा में बैठने से पहले उसे अंतःवस्त्र हटाने को कहा गया जबकि दूसरी अभ्यर्थी से जीन्स पर लगे धातु के बटन हटाने को कहा गया। पूरी बाजू की शर्ट पहने लड़कों से कहा गया कि परीक्षा हॉल में केवल आधे बाजू की शर्ट पहनने की ही इजाजत है। ऐसी स्थिति में अभ्यर्थियों को नियमों के मुताबिक अपने कपड़ों में काट-छांट करनी पड़ी। कुछ ने अपने जूते उतारकर अभिभावकों के सैंडल पहने।

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 सात मई को देशभर में 1,900 केंद्रों पर हुई नीट परीक्षा में लगभग 11 लाख आकांक्षी शामिल हुए थे। नकल रोकने के लिए सीबीएसई द्वारा मंजूर किए गए नियमों के मुताबिक विद्यार्थियों को आवश्यक दस्तावेजों के साथ अपने प्रवेश पत्र ही लेकर आने थे।

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 जिन चीजों की प्रवेश हॉल में मनाही थी उसमें लड़कियों के लिए बड़े आकार के बटन, ब्रॉच (कपड़ों में लगाई जाने वाली एक तरह की पिन) और हील वाले जूते शामिल हैं। जबकि लड़कों को कुर्ता पायजामा, पूरे बाजू की शर्ट और जूते पहनकर आने की मनाही थी। उम्मीदवारों को प्रवेश केंद्र में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाने की इजाजत नहीं थी।

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