नई दिल्ली, केंद्र सरकार की नोटबंदी के खिलाफ कई राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता सोमवार को सडक पर उतर आए और विभिन्न क्षेत्रों में सडकों पर जाम लगा दिया। कई रेलवे स्टेश्नों पर ट्रेनें रोकी गईं, जिससे आवागमन प्रभवित हुआ है। मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ एकजुट विपक्ष का विरोध भारत बंद से पहले बिखरता हुआ सा नजर आया।
लेफ्ट पार्टियों सीपीआई(एम) और सीपीआई ने 12 घंटे का बंद बुलाया। जेडीयू ने नोटबंदी का समर्थन करते हुए पूरे विपक्ष से पहले ही खुद को अलग कर लिया है। वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि वह भारत बंद नहीं बल्कि आक्रोश दिवस मना रही है। केवल तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी और आप के केजरीवाल ने इस फैसले को वापस लेने की मांग की है जबकि अन्य पार्टियां इसके सही तरीके से क्रियान्वयन न होने पर विरोध-प्रदर्शन कर रही हैं। वामदलों के भारत बंद के आह्वान पर बंद समर्थक बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में सुबह से ही सडकों पर उतर आए और बंद को सफल बनाने के लिए सडक जाम कर दिया।
नोटबंदी के खिलाफ वामपंथियों ने बंद को लेकर सोमवार सुबह दरभंगा स्टेशन पर बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस को रोक दिया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने नोटबंदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जहानाबाद और तरेगना रेलवे स्टेशन पर भी बंद समर्थकों ने ट्रेनें रोकी। बाद में हालांकि पुलिस ने बंद समर्थकों को हटा दिया। नोटबंदी के खिलाफ खगडिया में वाम दलों के कार्यकर्ता शहर के राजेंद्र चौक पर रोड जाम कर प्रदर्शन कर रहे हैं। कटिहार और सासाराम शहर में अभी तक भारत बंद पूरी तरह असरहीन है। राजधानी पटना में कांग्रेस के कार्यकर्ता अलग-अलग जत्थों में आक्रोश मार्च निकाल रहे हैं। मधेपुरा, अरवल, भोजपुर, सहित कई जिलों में बंद समर्थकों द्वारा सडक पर जमकर प्रदर्शन किया जा रहा है। बंद के कारण पटना-औरंगाबाद और नवादा-पटना मार्ग पर वाहनों का परिचालन रुक गया है। बंद को लेकर पटना सहित राज्य के तमाम क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। जनता दल (युनाइटेड) ने नोटबंदी के खिलाफ किसी भी आंदोलन और बंद से पहले ही खुद को अलग कर लिया है।