नई दिल्ली, नोटबंदी के चलते आम लोगों को हो रही दिक्कतों को लेकर समूचा विपक्ष आज जन आक्रोश दिवस मना रहा है। विपक्षी दल मोदी सरकार को बड़े पैमाने पर सड़क पर घेरने में जुटी है तो वहीं आज संसद में भी इसका असर दिखाई दिया। संसद की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया।
राज्यसभा में विपक्षी नेता नारेबाजी करने लगे। जिसके बाद लोकसभा 12 बजे तक और राज्यसभा की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं लोकसभा में विपक्ष कार्यस्थगन प्रस्ताव के तहत नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की गई। लेकिन कार्यवाही शुरू होने के बाद हंगामा मचने लगा और लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं राज्यसभा में भी विपक्ष पीएम मोदी की मौजूदगी में चर्चा कराने और उनके जवाब की मांग कर रहा था। लेकिन जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई वहां भी विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे और लोकसभा की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई।
इससे पहले संसद में आज की रणनीति को लेकर चर्चा के लिए विपक्ष ने एक बैठक बुलाई। इस बैठक में कांग्रेस, टीएमसी और वाम दल समेत कई और पार्टियां शामिल हुईं। बैठक के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार कह रही है कि विपक्ष ने भारत बंद का आह्वान किया है, जबकि असल में पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले से ये पहले ही हो चुका है। वहीं सरकार की ओर से अनंत कुमार का कहना है कि सरकार इस मुद्दे पर सदन में चर्चा चाहती है लेकिन विपक्ष इससे भाग रहा है। विपक्ष के बुलाए गए जन आक्रोश दिवस पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि विरोध जरूरी है लेकिन विपक्ष की बुद्धि विपरीत दिशा में घूम रही है।
राज्यसभा में 16 नवंबर को नोटबंदी पर चर्चा शुरु हुई थी जो अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। वहीं सीपीएम सांसद सीताराम येचुरी ने पीएम मोदी पर विशेषाधिकार हनन आरोप लगाते हुए नोटिस दिया है। इसमें कहा गया है कि पीएम सदन में आते नहीं है और सदन के बाहर नोटबंदी के मुद्दे पर लगातार बात कर रहे है जो कि सदन की अवमानना है। इस नोटिस पर राज्यसभा के सभापति अपना फैसला सुना सकते हैं।