इटावा , उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में जिला प्रशासन और कृषि विभाग की लाख चेतावनियों के बावजूद भी किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं,अब तक इटावा में एक सैकड़ा से अधिक पराली जलाने के मामले सामने आ चुके हैं। पराली जलाने वाले किसानों से करीब डेढ़ लाख रुपए का जुर्माना वसूल किया जा चुका है।
अपने-अपने खेतों में किसानों की ओर से जलाई जा रही परली के कारण इटावा का मौसम व्यापक पैमाने पर प्रदूषित हो चुका है। जिला प्रशासन ने पराली जलाने पर रोक के लिए किसानों को बड़ी संख्या में जागरूक किया है । इस जागरूकता के बाद भी किसान पराली जलाने पर बाज नहीं आ रहे हैं । पराली जलाने को लेकर कृषि विभाग ने कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर दी है । पराली जलाने वाले 100 से अधिक घटनाएं हुई है जिस पर विभाग ने संज्ञान लेते हुए जुर्माना करते हुए 157500 रुपए रकम वसूल की है।
कृषि विभाग ने सेटेलाइट के माध्यम से पराली जलाने की घटनाओं में सर्वाधिक भरथना तहसील में 25 किसानों, इटावा सदर में 22 किसान और सैफई में 13 किसानों से जुर्माना वसूल किया गया है।
कृषि विभाग के उपनिदेशक आर.एन.सिंह ने बताया कि जुर्माने की रकम बढ़ा दी गई है, दो एकड़ तक की भूमि वाले किसानों से पांच हजार रुपए, दो से पांच एकड़ पर दस हजार रुपए और 5 एकड़ से अधिक भूमि के किसानों से तीस हजार रुपए तक का जुर्माना वसूल किया जा रहा है। लगातार पूरे जनपद में किसानों को पराली जलाने से रोका जा रहा है और जागरूक करते हुए होने वाले नुकसान को भी समझाया जा रहा है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों इटावा के विकास भवन स्थित प्रेरणा सभागार में कृषि विभाग की संगोष्ठी में जिलाधिकारी और कृषि अधिकारियों की ओर से किसानों को इस बात के साफ-साफ संकेत दिए गए थे कि इस सत्र में अपने-अपने खेतों में कतई परली नहीं जलानी है ताकि इटावा पराली मुक्त जिला माना जाए लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका है।
पिछले साल इटावा जिले में पराली जलाने के करीब 300 के आसपास मामले सामने आए थे जिसको लेकर के यह जागरूकता संगोष्ठी आयोजित की गई थी ताकि कृषि विभाग और जिलाधिकारी के निर्देशों का पालन करते हुए किसान अपने-अपने खेतों में पराली ना जलाएं लेकिन इसके बावजूद भी पराली जलाने की घटनाओं ने इटावा में हड़कंप मचा करके रखा हुआ है।